गमों ने इतनी शिद्दत से मुझसे मुहब्बत की है
खुशी गर दर से भी गुजर जाये तो डर लगता है
जिन दरख्तों ने सिर्फ सूखा ही देखा हो ताउम्र
बारिश की बूँद भी पड़ जाये तो डर लगता है
जिनके इंतजार में ये आँखें सोयीं ही नहीं
उनके आने की खबर लग जाये तो डर लगता
मुझे ज़माने से यूँ तो कोई शिकवा नहीं
पर बात जब मुस्कुराने की आ जाये तो डर लगता है
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खुशी गर दर से भी गुजर जाये तो डर लगता है
जिन दरख्तों ने सिर्फ सूखा ही देखा हो ताउम्र
बारिश की बूँद भी पड़ जाये तो डर लगता है
जिनके इंतजार में ये आँखें सोयीं ही नहीं
उनके आने की खबर लग जाये तो डर लगता
मुझे ज़माने से यूँ तो कोई शिकवा नहीं
पर बात जब मुस्कुराने की आ जाये तो डर लगता है
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