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Showing posts from December, 2015

RIP Mangesh Padgaonkar - 30 Dec15

मराठी के यशस्वी कवि मंगेश पाडगांवकर का देहांत हो गया है। नमन और श्रद्धांजलि। उनकी तीन रचनायें जो मुझे बेहद पसन्द है। **************** एक -  सांगा कसं जगायचं? कण्हत कण्हत की गाणं म्हणत तुम्हीच ठरवा! डोळे भरून तुमची आठवण कोणीतरी काढतंच ना? ऊन ऊन दोन घास तुमच्यासाठी वाढतंच ना? शाप देत बसायचं की दुवा देत हसायचं तुम्हीच ठरवा! काळ्याकुट्ट काळोखात जेंव्हा काही दिसत नसतं तुमच्यासाठी कोणीतरी दिवा घेऊन ऊभं असतं काळोखात कुढायचं की प्रकाशात उडायचं तुम्हीच ठरवा! पायात काटे रुतून बसतात हे अगदी खरं असतं, आणि फुलं फुलून येतात हे काय खरं नसतं? काट्यांसारखं सलायचं की फुलांसारखं फुलायचं तुम्हीच ठरवा! पेला अर्धा सरला आहे असं सुद्धा म्हणता येतं पेला अर्धा भरला आहे असं सुद्धा म्हणता येतं सरला आहे म्हणायचं की भरला आहे म्हणायचं तुम्हीच ठरवा! सांगा कसं जगायचं? कण्हत कण्हत की गाणं म्हणत तुम्हीच ठरवा! ***** दो -  प्रेम म्हणजे प्रेम असतं प्रेम म्हणजे प्रेम म्हणजे प्रेम असतं, तुमचं

Posts of 29 Dec 15

कितने साल समाज को छलते रहोगे अपने फायदे के लिए । जाति बताओ नया नारा आने वाला है अब कुमार और सिर्फ उपनाम से या किसी फेंकू नाम से काम नही चलेगा ***** यदि केंद्र सरकार में दम हो तो सब्सीडी के साथ साथ आरक्षण हटाये नहीं तो सुधारों की और विकास की बात करना बंद करें. बहुत हो गई बयानबाजी और मूर्खताएं. दस लाख से ज्यादा वालों को आरक्षण की जरुरत है नही है शिक्षा, नौकरी और प्रमोशन में और अब जिन लोगों ने ले लिया है उसका लेखा जोखा तो हर विभाग से लेकर हर जगह मौजूद है बस करें उनका खाता खत्म करो और बंद करो. और अगर यह करने का दम नहीं है तो फ़ालतू बातें करना बंद करो और बुद्धिजीविता मत झाड़ों. क्योकि आरक्षण की मलाई तो वो चाट रहे है जो सवर्ण ब न गए है और अपने सरनेम भी शर्मा, भार्गव, कुमार या कविराज स्टाईल में कोई घटिया सा उपनाम लगा कर अपनी जाति छुपा रहे है, तमाम प्रशासन और बड़े पदों पर बैठे बेशर्म लोग अपनी जाति परदे के पीछे छुपाकर फ़ायदा ले रहे है और सिर्फ नौकरी या शिक्षा में प्रवेश नहीं वरन आय ए एस जैसे काडर में भी प्रमोशन ले लेते है या विदेश चले जाते है फेलोशिप लेकर या उच्च शिक्षा प्राप्त करने या

Posts of 28 Dec 15

बारहवी पास शिक्षा मंत्री बलात्कारी केबिनेट मंत्री सातवी पास .............. भृष्टतम व्यक्ति वित्त मंत्री आम लोगों का दुश्मन रेल मंत्री और सुनाओ ..... अनपढ़ , गंवार मूर्ख सांसद गाय मांस निर्यात वालों से चन्दा लेने वाली भृष्ट पार्टी 31 प्रतिशत भक्तजनों अब तो मातम मनाओ क्योकि अब ये पूरी भृष्ट और अम्बानी की घोषित गैंग तुम्हारे देश का बजट प्रस्तुत करेगी और साल भर हर चीज के भाव बढ़ाएगी, तुम्हारी जेब में कब्जा कर नृशंस हत्यारों की तरह वहशी नाच करेगी। सब्सीडी में कटौत्री तो शुरुआत है। तुम्हारे अलीबाबा और उनके सिपहसालार तो तुम्हे 15 लाख देने वाले थे , क्या हुआ ? मन्दिर बनाओ और घंटे बजाओ , आरतियाँ गाओ और कहो अबकी बार सत्यानाशी सरकार !!!! ***** मप्र में चपरासी से लेकर कांस्टेबल भी करोड़पति है तो बाकि का क्या। शिवराज सरकार ने जितना भ्र्ष्टाचार किया और राज्य को डूबोया उतना तो दुनिया में कोई कभी नही कर पायेगा। मजेदार यह कि मोदी जैसा "पाक साफ़" भी सबमे शामिल है तभी व्यापमं से लेकर चपरासी, पटवारी, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के अदने से सिपाही भी करोड़ो कमाकर राज्य

गुजरता साल- पड़ाव दर पड़ाव 2015

गुजरता साल- पड़ाव दर पड़ाव 2015 आज जब बैठकर इस गुजरते हुए साल को देख रहा हूँ तो धड़कनों में एक अजीब सी उहापोह है और साँसों का स्वर अपने आरोह अवरोह के साथ अभी तक ज़िंदा है. सिर्फ तीन दिन बचे है और चौथा सूरज जीवन के उनपचासवें वर्ष की सुबह लाएगा और अड़तालीस वर्ष गुजर चुके होंगे. एक समय था जब मै साल के अंत में लेखा जोखा लिखता था पर अब पिछले बरसों में यह आदत खत्म हो गयी. सारी डायरियां जलाकर ख़ाक कर दी थी पुस्तक मेले से लौट कर आने के बाद फरवरी में. यह एक ऐसा दर्द था जो मैंने एक सद्य प्रसूता की तरह सहा था और फिर जी उठा एक बार फिर से लिखने पढ़ने को और ज़िंदा रहने को. असल में अंतिका से मेरी किताब आई थी "नर्मदा किनारे से बेचैनी की कथाएं", उस किताब को लेकर कुछ कहना अब बेकार है. एक दिन हम लोग देवास के समीप मांगलिया में बैठे थे शायद बहादुर का ही जन्मदिन मना रहे थे 17 दिसंबर को. लुणावत जी, सुनील चतुर्वेदी, बहादुर, अलकार और मनीष वैद्य के साथ केदार और भगवान् भी थे. अचानक यह सारी मंडली मुझ पर टूट पडी कि सारी कहानियां इकठ्ठी करो और गौरीनाथ को भेज दो छपने को. मेरी कोई तैयारी नहीं थी ना मुझे कोई कसक

मुंगेली (छत्तीसगढ़) में सामाजिक समरसता का नायाब उदाहरण - 25 दिसंबर 15

ये है फुल्लेश्वरी और इनके पति सूरज प्रकाश, ग्राम बैहाकापा जिला मुंगेली के. आपने विद्या बालन का विज्ञापन सुना होगा कि कैसे वो एक असली हीरोइन के बारे में बताती है जिन्होंने शौचालय ना होने से शादी करने से मना कर दिया था. मुझे भी लगा कि था कि ये महज एक विज्ञापन होगा और मै असली चरित्रों की तलाश में था जो मुझे पिछले पांच बरसों में नजर नहीं आये कभी और मै अपनी धारणा पुष्ट करता रहा कि सब विज्ञापन है और सब सरकारी है, बनावटी और प्रायोजित. पर अचानक एक निजी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में जाना हुआ. जिलाधिश श्री संजय अलंग जी , जो मेरे अब तक फेस बुक मित्र थे , ने रात के खाने पर आमंत्रित किया. उन्होंने बताया कि  छात्तीसगढ़ के 27 जिलों में यह छोटा सा जिला एकमात्र जिला है - जो अनुसूचित जाति बहुल जिला है और यहाँ उन्होंने डेढ़ वर्ष की अल्पावधि में कई महत्वपूर्ण कार्य किये है जिसमे स्वच्छता मिशन को लेकर उन्हें समुदाय से भरपूर सहयोग भी मिला है. जिस तरह से सवर्ण वर्ग के वर्चस्व को ख़त्म करके दलित समुदाय ने अपनी अस्मिता और सामाजिक भूमिका को लेकर स्वच्छता अभियान में अपनी भागीदारी निभाई है वह स

Posts of 25 Dec 15 बहादुर पटेल को मुंगेली में सूत्र सम्मान

बहादुर पटेल को मुंगेली में सूत्र सम्मान प्रदान किया गया आज अभी अभी। छग के पचास रचनाकार उपस्थित मालवा के पांच और राजस्थान के एक साथी के साथ ।इसके पूर्व  एक बेहतरीन काव्य सन्ध्या मुंगेली में आयोजित की गयी। हिंदी कविता पर जुटे छत्तीसगढ़ के और मालवा के रचनाकार। मेजबान थे वरिष्ठ कवि और जिलाधीश श्री संजय अलंग जी, जिन्होंने मुंगेली जिले में सामाजिक समरसता के महत्वपूर्ण कार्य अल्पावधि में किये और जिले को एक मुकाम पर लेकर आये है। संजय जी ने छग के इतिहास पर एक अध्येता की भाँति गम्भीर काम करके नई दृष्टि से किताबें लिखी है। संजय जी ने कविता को लेकर भी नए बिम्ब रचे है और सूक्ष्म दृष्टि से यहां के मुद्दे और सरोकार कविता में उठाये है।  एक महत्वपूर्ण शाम में यह कार्यक्रम लम्बे समय तक याद रहेगा। Sanjay Alung   Bahadur Patel   Sunil Chaturvedi   Manish   Dinesh Patel   Kalu Lal Kulmi

Posts of 22 Dec 15 (किशोर अपराध की 18 से घटाकर उम्र 16 की गयी - दुर्भाग्य)

उड़ीसा में फादर ग्राहम स्टेन्स को जलाकर मारा था, उसकी पत्नी और बच्चों ने बाद में एक हिंदूवादी संगठन के लोगों को माफ़ कर दिया था। राजीव गांधी के हत्यारों को उनके परिजनों ने माफ़ कर दिया था। नवापाड़ा, झाबुआ में दो नन्स ने अठारह लोगों को बलात्कार करने के बाद माफ़ कर दिया था। गांधी, विवेकानन्द और विनोबा भावे, अम्बेडकर और गोलवलकर, हेडगेवार दीनदयाल उपाध्याय से लेकर विश्व स्तर के चिंतको ने माफी को सबसे बड़ा हथियार, और सबसे बड़ा हिम्मत का श्रेष्ठ कार्य बतलाया है। हमारे ही देश में ऐसे सै ंकड़ों किस्से है। Dorothy Beck  सिस्टर जो बरसों से आष्टा के क्षेत्र में गरीब, वंचित और दलितों के साथ काम कर रही है। उनकी एक बात हमेशा याद रहती है, वे कहती है कि हम लोग सूर्यास्त के पहले सारे झगड़े भूला देते है और सबको माफ़ कर देते है। रात का खाना सब लोग मिलकर खाते है। धर्म और मानवता में माफी सबसे बड़ा गुण है और यह हमे हमेशा याद रखना चाहिए। महावीर, बुद्ध, श्रीराम, कृष्ण से लेकर जीसस, नानक, मोहम्मद साहब तमाम महान लोगों की शिक्षाएं हमारे आसपास बिखरी पड़ी है। सवाल यह है कि हम हिंसक समाज बनाना चाहते है या आने वाली

Posts of 21 Dec 15 ज्योति सिंह के अपराधी का छूटना

समाज में पहले बराबरी लाईये फिर सजा अपराध की बात करिए  ज्योति सिंह का अपराधी छुट गया कल, अच्छा हुआ, आप व्यर्थ ही उसे दोष दे रहे है, दिक्कत हमारी व्यवस्था में है, क़ानून में है, जन प्रतिनिधियों में है , संसद में है जो विधायिका की भूमिका निभाती है . मेरी नजर में उसे सुधरने का एक और मौका देना ही चाहिए, वरना वह जहां सजा पायेगा, आस पास के माहौल से वह ज्यादा खतरनाक होकर बाहर निकलेगा. साथ ही यदि उसे सजा दी गयी तो देश भर में अठारह से कम उम्र के बच्चों के भविष्य पर बड़ी आंच आ सकती है जो जाने अनजाने में अपराध कर बैठे है. सिर्फ एक बार सोच कर  देखिये यदि आपका बच्चा होता तो क्या आप इस सजा की पैरवी करते? और दूसरा अब जेंडर के जाल से बाहर निकलिए और समानता की बात करिए, उन बच्चियों के ओर ध्यान दीजिये जो मसाज पार्लर, देह व्यापार और वेश्या वृत्ति के धंधे में धकेल दी गयी है और उन्ही के अभिभावक और लोग कमा खा रहे है और शिक्षा के अभाव में ये लड़कियां रुपया कमाने के लिए हर हद तक जा रही है और जाने को तैयार है. बुंदेलखंड, झाबुआ, आलीराजपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर और देश के दूसरे हिस्सों में मैंने

posts of 20 Dec 15 - पता है कि राजा नंगा है.

पता है कि राजा नंगा है.  आजकल ठीक हूँ एकदम, आपने पूछा तो बताया  मुल्क कैसा है मेरा यह बताने की हिम्मत नहीं   रोज दो समय खाता हूँ भरपेट, आपने पूछा है मुल्क क्या, क्यों और कैसे खाता है, पता नहीं. स्वस्थ, तंदुरुस्त और ज़िंदा हूँ ठहाकों में अपने   बच्चों के मरने की खबर रोज आती हो, पता नहीं   छः सात जोड़ कपडे और कुछ गरम भी है   मुल्क में लोग ठण्ड से मर रहे होंगे, पता नहीं   माँ बाप का बनाया मकान है सो छत है   आसमान के नीचे होंगे या जंगल में, पता नहीं   थोड़ी सी आमदनी हो जाती है हर माह   कितनों ने रुपया देखा मुल्क में, पता नहीं मै, मेरा घर मेरे लोग सुरक्षित है जान लीजिये   जिस्म बेचती औरतों का सुना, सही है क्या पता नहीं   मेरे यार दोस्त रिश्तेदारों के पेट भरे है, मजे में है   मुल्क में लोगों के लोग मर रहे है दहशत से, पता नहीं   रोज कुछ लिखता पढता हूँ ऐयाशी कह ले जनाब   तुम्हारे लोग इल्म की रोशनी से दूर होंगे, पता नहीं   रोज रात में चुपचाप जी भरकर रो लेता हूँ अक्सर   मुल्क में हर रोज लाखों लोग मेरे साथ रोते है, पता नहीं   मुझे राजा को नंगा कहना आता

संविधान और क़ानून की समीक्षा का समय Post of 19 Dec 15

संविधान और क़ानून की समीक्षा का समय आज के पटियाला हाउस मामले को मीडिया ने कल से ऐसा प्रचारित किया था मानो यह दिन बहुत महत्वपूर्ण हो, और एक पार्टी विशेष के लोगों को सजा ऐ मौत होने वाली हो या कोई गंभीर किस्म का कानूनी इतिहास बनने वाला हो. यह निहायत ही एक विपक्षी पार्टी का व्यक्तिगत मामला था जिसमे उस पार्टी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को महज मुकदमा शुरू होने से पहले उपस्थित होकर यह जताना था कि वे कोर्ट की प्रक्रियाओं से ऊपर नहीं है और एक व्यक्ति विशेष द्वारा लगाए गए आरोपों के तारतम्य में वे कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार है. सरकार ने भी पूरी दिल्ली की सडकों को पुलिस और फ़ोर्स से ऐसे तान दिया और छावनी बना दिया - मानो देश में बहुत बड़ी कोई गंभीर "ला एंड आर्डर" की समस्या खडी हो गयी हो, इस तरह से तो न्याय देने वाले न्यायाधीशों उपर मानसिक दबाव बनेगा और वे निष्पक्ष रूप से फैसला नहीं दे पायेंगे. आज की घटना को भारतीय क़ानून, मीडिया प्रचार और आम लोगों की बहस के सन्दर्भ में नए सिरे से देखने की जरुरत है.  दरअसल में भारतीय कानून को एक गम्भीर किस्म के आत्म मूल्यांकन की जरूरत है। प

Posts of 17 Dec 15

सुबह सवेरे 17 दिसंबर 15 में......... ***** इतना बड़ा भ्रष्ट आदमी वित्त मंत्रालय सम्हाल रहा है तभी पेट्रोल, प्याज, दाल और बाकी जरुरत की चीजों की यह हालत है, किसान आत्महत्या, अम्बानी द्वारा बारह सौ करोड़ की गैस चोरी, बैंकों की बड़ी सब्सीडी बड़े लोगों को, और देश के सारे लोगों को मरने की कगार पर लाकर मात्र दो प्रतिशत लोगों को फ़ायदा पहुंचाने में माहिर यह आदमी एक बड़ा बोझ है देश पर, परन्तु अंधभक्तों को यह दिखेगा नहीं क्योकि बोलना पाप है.............और मन मोहन पार्ट टू बोलेंगे नहीं क्योकि अगर यह चला गया तो वित्त की समझ वाला कोई और नहीं है ना.......... अरुण जेटली इस्तीफा नही देंगे बेशर्म आदमी है जब वित्त मंत्रालय में दीमक लग जाए तो ***** एक यारबाश दोस्त और कवि को जन्मदिन मुबारक। यारबाशी फ़ले फूले, टापरी का मिजाज ना बिगड़े और ठेठ देसीपन आबाद रहें और कविता कर्म रचनात्मक बना रहे लम्बी उम्र तक यही शुभकामनाएं, हे काव्यार्थ के जनक बहादुर पटेल। Bahadur Patel ***** चैनलों पर जारी बहसों से तो लग रहा है कि अरुण जेटली भृष्ट है। आप के लोग कल कुछ धमाका करेंगे पर मितरो इस्तीफे की

Posts of 16 Dec 15

News Concept 16 Dec 15  ***** 16 मई 14 से लेकर अभी तक जब भी मोदी की व्यक्तिगत रूप से जब भी सार्वजनकि भद्द पीटी है उन्होंने बहुत ही घटिया तरीके से पूरी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए अपनी छबी बनाने को कई प्रकार के उपक्रम किये ताकि तथाकथित 31 प्रतिशत लोगों की "बहुमत" वाली सरकार की देश में इमेज बनी रहे......और यह सब प्रबुद्ध लोगों को बताने की जरुरत नहीं जैसे कल सी बी आई का इस्तेमाल किया.........और यह ट्रेनिंग इन्होने कांग्रेस से ली है पिछले 60 साल सत्ता से बाहर रहकर यही तो सीखा है..... भक्त इसे नहीं समझ सकते इसलिए भक्त यहाँ अपने दिमाग का कचरा ना फेंके, कृपया प्रबुद्ध बने पहले, हाँ संघी बौद्धिक सुनकर प्रबुद्ध नहीं बना जाता यह भी सुन लें.. ***** सबसे ज्यादा फजीहत बेचारे अरुण जेटली की हो रही है, एक तो पिछले दरवाजे से बेशरमी से आया है, मंत्री बना बैठा है , मोदी जी की हम्माली करता है, देश का आर्थिक भार उठाता है, अम्बानी से लेकर अडानी तक को झेलना पड़ता है और अब ये अरविन्द ने सड़क पर लाकर कचरे कर दिए उसके , इत्ते बड़े मंत्री को दिल्ली क्रिकेट एसोसियेशन में चो