Skip to main content

Salman Khan Got rid from Fake Court Case - some quick responses 10 Dec 15 Human Right Day

मानवाधिकार दिवस पर सलमान को मिला जीने का अधिकार  
सत्यमेव जयते

शायद यह भारतीय न्याय इतिहास में पहली बार है कि अधिकाँश जनता जानती थी और मानती है कि जिसके पास धन बल और प्रतिष्ठा है उसे कोई सजा नहीं होगी. आज न्याय की थू थू हो रही है और चारो ओर एक ही बात है कि सलमान को तो छूटना ही था इसमे नया क्या है.


#सुप्रीमकोर्ट को इस भरोसे को बचाए रखने के लिए और लोक कल्याणकारी राज्य में न्यायपालिका की इज्जत बनाए रखने के लिए कुछ ठोस कदम उठाना चाहिए तुरंत. 

चुनाव सामने है अब उप्र में मुस्लिम वोट, प बंगाल में मुस्लिम वोट, और बाकी सब तो जानते ही है। बताईये फर्क क्या है कांग्रेस में और इनमे। तुष्टिकरण देश की मजबूरी है जैसे दंगे, गाय, कश्मीर, पाकिस्तान और 370 .
थोड़ा दिमाग लगाइये, कुछ नही धरा है बकलोल में सब जान गए है कि कठपुतलियां वही है , व्यवस्था वही है सिर्फ चेहरे मोहरे बदले है जनाब। बजरंगी भाई जान से लेकर बाकी सारी फ़िल्मों में बूत परस्ती करने वाला कोई और हो सकता था क्या, परिवार के सारे सदस्यों को व्यवसाय में सेट करने वाला क्या यूँही देश सेवा के नाम पर पतंग उड़ाकर शर्ट फाड़ेगा।

जनाब देश 47 में आजाद हो गया था आप कब परिपक्व जनतन्त्र के जिम्मेदार समझदार नागरिक बनेंगे। और याद रखिये ये तुष्टिकरण कांग्रेस, सपा, बसपा या वामपंथियों ने किसी रेहड़ी वाले हिन्दू मुस्लिम के लिए नही किया क्योकि सत्ता सिर्फ रईसों, कुबेरों और उद्योगपतियों को ही मदद करती है। मेरे और आपके लिए नही, शाहबानों याद है ना या कुछ और उद्धत करूँ ....
देखो भाई नाचेगा, गायेगा और धूम मचायेगा।
शांतता कोर्ट ची कार्यवाही चालू आहे !!!
*****

सलमान मामले पर क्या सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर फिर से मुकदमा नहीं चला सकता क्योकि सारा देश जानता है कि सलमान दोषी है और गरीब की जान की कीमत आज कुछ भी नहीं है. अगर आज सुप्रीम कोर्ट यह मामला नहीं लेता तो देश में न्याय पर से भरोसा उठ जाएगा..........यह बेहद शर्मनाक है कि राजनेताओं से सांठ गाँठ करके अभिनेता हत्याएं कर देता है और बेशुमार रुपया कमाने को फ्री हो जाता है.

*****

बहनों और भाईयों जैसे मेरे अच्छे दिन आ रहे है वैसे आपके भी आयेंगे बचे हुए तीन सालों में.
दो चार दिन तो गुजारिये गुजरात में...........संक्रांति आ रही है फिर से..........
आपका अपना
सल्लू मियाँ

*****

14 जनवरी फिर आ रही है सल्लू मियाँ
एक बार फिर से जाईये गुजरात में पतंग उड़ाने............
रिहाई मुबारक, जिस देश में लोग एक रोटी चुराने के आरोप में उम्र कैद पाते है उस देश की महान न्याय पालिका को सलाम बजाते हुए सत्ता की दुदूम्भी भी बजाओ........
नाचो, गाओ, और मजे उडाओ

*****

साला मेरा वकील ही निकम्मा था, वरना मै भी आज करोड़ों में खेलता ..जल्दी ही आ जाउंगा........ चिंता नको .......
आपका अपना
संजू बाबा

*****


Hit, Run, Go and be Free for Earning ample amount........

*****


भारतीय न्यायपालिका महान है और आज भी समता, स्वतंत्रता और भ्रातृत्व में यकीन करती है। 

श्रद्धा से सर झुक रहा है आप लोग बहस करिये - मैं चला "प्रेम शराब नही पियो" देखने।

Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत...

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी व...