Skip to main content

Posts of 28 Dec 15


बारहवी पास शिक्षा मंत्री
बलात्कारी केबिनेट मंत्री
सातवी पास ..............
भृष्टतम व्यक्ति वित्त मंत्री
आम लोगों का दुश्मन रेल मंत्री
और सुनाओ .....
अनपढ़ , गंवार मूर्ख सांसद
गाय मांस निर्यात वालों से चन्दा लेने वाली भृष्ट पार्टी
31 प्रतिशत भक्तजनों अब तो मातम मनाओ क्योकि अब ये पूरी भृष्ट और अम्बानी की घोषित गैंग तुम्हारे देश का बजट प्रस्तुत करेगी और साल भर हर चीज के भाव बढ़ाएगी, तुम्हारी जेब में कब्जा कर नृशंस हत्यारों की तरह वहशी नाच करेगी। सब्सीडी में कटौत्री तो शुरुआत है।
तुम्हारे अलीबाबा और उनके सिपहसालार तो तुम्हे 15 लाख देने वाले थे , क्या हुआ ?
मन्दिर बनाओ और घंटे बजाओ , आरतियाँ गाओ और कहो अबकी बार सत्यानाशी सरकार !!!!
*****
मप्र में चपरासी से लेकर कांस्टेबल भी करोड़पति है तो बाकि का क्या।
शिवराज सरकार ने जितना भ्र्ष्टाचार किया और राज्य को डूबोया उतना तो दुनिया में कोई कभी नही कर पायेगा।
मजेदार यह कि मोदी जैसा "पाक साफ़" भी सबमे शामिल है तभी व्यापमं से लेकर चपरासी, पटवारी, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के अदने से सिपाही भी करोड़ो कमाकर राज्य में सुखी और सुरक्षित है क्योकि मामाजी का हाथ सिर पर है, और मामाजी को मोदी या अमित शाह हटा दें इन दोनों कार्पोरेट्स के पिट्ठुओं में दम नही है, क्योकि इनका हिस्सा इनको मिल रहा है ना।
देश के साथ मप्र में भृष्ट सरकार और दुर्भाग्य कि एक भृष्ट वित्त मंत्री बजट पेश करेगा।
जियो 31 प्रतिशत भक्तजनों , जियो ।
*****
दस लाख से ज्यादा आय वालों की सब्सीडी बन्द कर दी।
मुबारक हो, जरा देख लें अपने गिरेबाँ में भी झाँक कर सरकार !!!!


*****


डेली न्यूज, जयपुर में किताब "नर्मदा किनारे से बेचैनी की कथाएं" 20/12/15

Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी वह तुमने बहुत ही