और लो देखते देखते आख़िरी भी आज से शुरू हो रहा है ताकि नया शुरू हो। याद आया कुछ कि क्या खोया क्या पाया इस जाते हुए में और अब क्या इरादे है आने वाले में .....
उफ़, जब इतने गुजर गए तो ये भी गुजर जाएगा और वो भी और अंत में फिर वही ना.....
उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला ।
बुरे फंसे आज
तौबा तौबा ....
रोज नया सबक लेकिन आज का सबक बड़े सबकों में से एक । उफ़ ...
religious view मानवता
political view भाजपा
मने कि मजाक कर रहे है अभी किसी की प्रोफाइल पढी तो ये लिखा था more about XYZ की प्रोफाइल में।
पार्टनर तुम्हारी जाति क्या है ?
क्या मुक्तिबोध आज होते तो पूछते ?
पूना से गुज़रा तो बहुत दोस्त याद आये और खासकरके तुम भी, क्योकि तुमसे ही तो जहान था और उन दिनों वो छोटी सी दुनिया तुम पर ही खत्म हो जाती थी, इसलिए अब पूना आने की हिम्मत नही होती।
गुनगुना रहा था "जाने कहाँ गए वो दिन...." तो ट्रेन में आसपास के लोग देखने लगे।
उफ़ ये यात्राएं कितना बेचैन कर देती है और फिर से स्मृतियों के बियाबान बवंडर में ले जाकर दफन कर देती है।
हल्दी के जिले सांगली में चार दिन, वो जिला - जो दुनिया को हल्दी खिलाता है।यहां गन्ना और हल्दी मुख्य फसलें है परंतु गन्ने और हल्दी की फसल इस बार खतरे में है क्योकि पानी गिरा नही है और किसान परेशान है।
महाराष्ट्र सरकार की योजनाएं यहां तक आते आते सूख जाती है। शराब की खपत ज्यादा है और बाकी सब खत्म हो रहा है। किसान आत्महत्याएं यहां भी है पर सब दबा दिया जाता है कोई खैर खबर लेने वाला नही।
किसान बता रहे है कि महाराष्ट्र में मराठवाड़ा, विदर्भ की गन्ना लॉबी यहां की राजनीती तय करती है पर
इस बार जो सरकार है वह केंद्र की दुहाई देकर और गरीबी की आड़ में किसानों से छल कर रही है। सारा ध्यान मुंबई जैसे शहरों पर है और जिसमें किसान आत्महत्या अब सिर्फ सरकार और मीडिया के लिए महज रोज का स्कोर और आंकड़ा है।
सूखी धरती प्यासा मन
अम्बेडकर ने एक ही गलती की आरक्षण को संविधान का हिस्सा बनाकर वरना आज वो भी हेडगेवार और गोलवलकर की तरह सम्मान पाते हिन्दू देश में और तिरंगे में चक्र की जगह उनका फोटु होता मितरोँ !!
हमारे देवास में एल एल बी , भाई लोग 20 प्रश्न मतलब गाइड का रट्टा मारकर एक रात में क़ानून घोटकर किसी तरह से भी जुगाड़ करके पास कर लेते है। मुझे लगता नही कि संविधान की अधिकृत प्रति 30 -40% वकीलों के पास ही होगी जबकि इनका तो पेशा है तो फिर सातवी पास से लेकर बारहवी पास लोकसभा में कितनों ने संविधान देखा होगा, सूँघा होगा, या घर में एक प्रति भी होगी, हाँ 40 % खूंखार अपराधी जो 31% के वोट हथियाकर बैठे है उन्होंने भारतीय दण्ड संहिता जरूर देखी और भुगती होगी 302 से लेकर 376 तक। और दो दिन से देश का रुपया बर्बाद करके बहस कर रहे है! गधाराज- यही कांग्रेस में रहा वही अब हो रहा है पर वहाँ कठपुतली तो अम्बेडकर के बाद सर्वाधिक शिक्षित थे और वर्तमान में कठपुतली मन मोहन का विरुद्धार्थी शब्द और कर्म है शिक्षा दीक्षा और बड़बड़ के अंदाज को देखे तो !!
लोकसभा में बैठे कितने "सम्मानित" सदस्यों ने संविधान पढ़ा है , देखा है और कितनों के घर पर एक प्रति रखी है। एक माननीय के चापलूस चमचे ने अभी फोन करके मुझसे पूछा कि वो जो बहस चल रही है वह "लाल किताब- नियम वाली , जिसमे आई पी सी के सब नियम भी है" देवास में कहाँ मिलेगी और उसकी कोई गाइड आती है क्या जो दो घण्टे में पूरी तरह से समझा दें।
31% मतों से जीते सातवी और बारहवीं पास जब सरगना हो तो ये गधे बेहतर है जिन्हें कुछ तो समझ है कम से कम !!!
इन सारी मूर्खताओं के बीच हम भूल रहे है कि देश के अधिकाँश हिस्सों में सूखा है, रोजगार ग्यारंटी योजना केंद्र के कारण मर गई है, पलायन भयानक है, शोषण बढ़ गया है, कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा हो गया है, किसान आत्महत्या की खबरें बढ़ गयी है और मोदी के जायज दामाद अम्बानी ने 12 सौ करोड़ की गैस चोरी कर ली है और कपटी, धूर्त और चापलूस रामदेव इस सब गरीबी में मैगी और बिस्किट बेच रहा है।
शिवराज ने व्यापमं में कमा खा लिया और अब सुस्त है।
बन्द करो गाय, आमिर खान और घटिया बहसें और बकवास, देश की भृष्ट ब्यूरोक्रेसी को कहा जाए कि जन के हित में इन दो कौड़ी के राजनेताओं को नजरअंदाज करके काम करें , क्योकि मोदी तो पूरी दुनिया घूमेगा, चायवाला कभी गुजरात नही घूमा तो अब आपके मेरे खर्चे से पर्यटन करेगा उसको बकने दो और तालियां लूटने दो, छोड़ो उसे कोई नही समझा सकता, पांच साल यही करेगा सातवी पास!!!
जब लोग ही ठीक नही रहेंगे तो देश कैसे ज़िंदा रहेगा ? लोगों की चिंता करो और उन्हें जागृत करो।
मद्य प्रदेश के जागरुक मुख्यमंत्री #शिवराजजीचौहान कब जागरूक होकर मध्य प्रदेश में शराब बिक्री पर प्रतिबन्ध लगायेंगे........???
Siddhartha, Snehal, Akshay Telang and Ashweta Muley and my self in Lucknow.
Comments