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Showing posts from 2016

Posts of 14 to 16 Dec 16

इमारतों का अपना दर्द होता है ठीक किसी मनुष्य की तरह कि कोई आये, दुलारे, सुनें और फिर आहिस्ते से पुचकार कर चल दें ! पर ठहरना वही है सदा के लिए, जड़ हो जाना है और एक अवचेतन में चले जाना है ताकि कही से कुछ और फिर ना दोहराया जाये। यह जीवन, यह सांस का सफर, यह संताप, यह शुष्कता और इस सबमें एक देह का सफर और एक यातना की त्रासदी भी शायद इमारत के पुराने आख्यान की तरह है। इन इमारतों से गुजरना किसी खोखली देह से सटाक से गुजर जाने जैसा है यायावर की तरह और फिर बचे रहना है किसी मंजर की तरह। (लक्ष्मीपुर, जिला पन्ना, मप्र का किला जिसे पन्ना के   पूर्व महाराज लोकेंद्र सिंह के पिता ने दो सौ साल पहले बनवाया था, बाद में बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध डाकू मूरत सिंह को सुधारने के लिए इस किले को खुली जेल में तब्दील कर दिया गया था। आज यह किला अपने वैभव के साथ खड़ा तो है पर खामोश है। सरकारी चौकीदार मुड़ी सिंह रैकवार ने बताया कि कुछ करिये साहब लोग सब उखाड़ कर ले जा रहे है यहां से, मैं क्या करूँ ?) # MPTourism  ध्यान दें। ***** छतरपुर - मप्र, की बात है, एक आदिवासी महिला का बच्चा कुपोषित थ

Posts of 10 Dec 2016

कालाधन निकला - नही 370 का कुछ हुआ - नही  समान आचार संहिता का - नही  राम मंदिर बना - नही पाक से बात बनी - नही अमेरिका ने कुछ दिया - नही इत्ता घूमे माल आया मतलब निवेश - नही पड़ोसियों से रिश्ते बनें - नही नेपाल का कुछ - नही पार्टी में सब खुश है - नही शिवराज, रमण, वसुंधरा का कुछ - नही घपले और राज्यों के भ्रष्टाचार का - नही पर्सन ऑफ़ द ईयर बनें - नही, नही, नही !!! तो फिर क्या किया 50- 50 पूरी बेशर्मी से जो दुनिया में कही नही हुआ भक्त पैदा किये नकली सदस्य बनाये धमकाया सवाल करने वालो को छात्रों को बर्बाद किया आपस में लड़े भिड़े हम दोनों ने देश चलाया खूब घूमे फिरे ऐश किये गाय, बीफ फ़ालतू के मुद्दे उछाले सबसे ज्यादा कांग्रेस को कोस कोसकर बेवकूफ बनाया देश के नागरिकों को चूतिया बनाकर लाइन में खड़ा किया   नकली नोट बन्दी कर अपने आकाओं को फायदा दिया नजीब को गायब किया   अखलाख को मारा कश्मीर में अफजल के रिश्तेदारों के साथ सरकार बनाई पूर्वोत्तर में पंगे किये   मप्र में व्यापमं और एनकाउंटर किया छग में नक्सल के नाम पर आदिवासियों को हकाला,

Posts of Dec 4 to 9, 2016 - Bhopal Vijay Bhoge, Delhi , Anil Badnikar and others ......

उस वार्ड में जो भर्ती थे सब मौत का इंतज़ार कर रहे थे, भयावह था वार्ड - मौत मानो चहलकदमी कर रही थी हर बिस्तर के सामने और बिस्तर पर पड़े लोग ख़ौफ़ में थे और हर बार आती जाती मौत को देखकर भयाक्रांत थे. दूर तक फैले उजाले में मौत के साए से जिंदगी फुसफुसाकर कही दुबक जाने को बेताब थी और लोगों के साथ आये परिजन दुआ कर रहे थे कि यहां कभी ना आना पड़े इसके पहले ही मौत खुलेआम दबोच लें पर यहां आने की नौबत ना आये। अनिल के ठीक पास वाले पलँग पर वह औरत मर गयी आधे घण्टे में, अनिल सारे समय उस बिस्तर  को देर रात तक घूरता रहा और आखिर में उसे अंदर ही अंदर ब्लीडिंग चालू हो गई और एक ही दिन में उसी तारीख को रात के दस बजे थे घड़ी में और तीन मिनिट ही ऊपर हुए थे कि अचानक मौत के अट्टाहास ने उसे बेचैन कर दिया और वह खुद ब खुद आहिस्ते से मौत के आगोश में समा गया, मौत की लपलपाती जीभ शांत हो चली थी थोड़ी देर के लिए और अनिल की देह शांत ! वार्ड की गंदगी और लापरवाही को वह बर्दाश्त नही कर पाया। मेरी बहन, जीजा और बाकी भाई लोग उसकी लाश को उस वार्ड से निकालकर मंदसौर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। कोई रोया या नहीं, मैं नही जानत

Posts of 2 Dec 2016

उज्जवला योजना के तहत बांटे गए गैस कनेक्शन के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार, के अनुसार गैस कंपनियां विज्ञापन सीखा रही है कि गैस चूल्हे और टंकी के इस्तेमाल में क्या क्या सावधानियां रखनी है। अच्छा विज्ञापन है बहुत बारीकी से बनाया गया है, मैंने भी सीखा इससे बहुत कुछ। बस बता रहा हूँ कि 21 वी सदी के डिजिटल इंडिया में हम कहाँ से अभी शुरुवात कर रहे है ;- शौचालय के इस्तेमाल से गैस के चूल्हे और टंकी के इस्तेमाल से जैविक खाद के इस्तेमाल से कचरा सही जगह कैसे फेंके   लाईंन में खड़े कैसे हो   बैंक अकाउंट खोलना और इस्तेमाल करना आधार कार्ड बनवाने से   भ्र्ष्टाचार रोकना देशप्रेम/देश भक्ति को सिनेमागृह में खड़े होकर सीखना कुल मिलाकर ई ट्रांजेक्शन, ई वॉलेट और ई ट्रांसफर करने में अभी एक युग लगेगा 125 करोड़ लोगों को और तब तक हमारे शिक्षक विहीन स्कूल नए करोड़ों निरक्षर पैदा कर देंगे. थोड़ा शान्ति से सोचिये नीतिकारों , पैरवीकारों और मेरे महान भारत भाग्य विधाताओं ! जय है, जय है, जय - जय, जय है। भारत माता की जय । 1947 से अभी तक जो भी सरकार सत्ता में रही वे सब इस पा

For you Gaurav Pande, IIT Indore

अनुज गौरव के लिए दुष्यंत कुमार की एक महत्वपूर्ण रचना, इस भरोसे के साथ कि हम सब एक ही नाव में है और हम साथ साथ है...... ********************* हम पराजित हैं मगर लज्जित नहीं हैं हमें खुद पर नहीं उन पर हँसी आती है हम निहत्थों को जिन्होंने हराया अंधेरे व्यक्तिव को अन्धी गुफ़ाओं में रोशनी का आसरा देकर बड़ी आयोजना के साथ पहुँचाया और अपने ही घरों में कैद करके कहा : "लो तुम्हें आज़ाद करते हैं ।" आह ! वातावरण में वेहद घुटन है सब अंधेरे में सिमट आओ और सट जाओ और जितने जा सको उतने निकट आओ हम यहाँ से राह खोजेंगे । - स्व दुष्यंत कुमार (आवाजों के घेरे संग्रह से) **************************************************** मुक्तिबोध को याद करते हुए "अँधेरे में"  गौरव के लिए  ************ ज़िन्दगी के... कमरों में अँधेरे लगाता है चक्कर कोई एक लगातार; आवाज़ पैरों की देती है सुनाई   बार-बार....बार-बार,   वह नहीं दीखता... नहीं ही दीखता,   किन्तु वह रहा घूम   तिलस्मी खोह में ग़िरफ्तार कोई एक,   भीत-पार आती हुई पास से,   ग

Posts of 1 Dec 16

# वित्त_मंत्रालय  की गाइड लाईंन के अनुसार कल से फेस बुक पर कमेंट और लाईक की सीमा तय की गयी है विवाहित पुरुष 2 कमेंट और 5 लाईक विवाहित महिला 5 कमेंट 50 लाईक अविवाहित पुरुष 5 कमेंट और 100 लाईक अविवाहित महिला 25 कमेंट और 150 लाईक युवा सिंगल पुरुष 50 कमेंट और 300 लाईक युवा सिंगल महिला 100 कमेंट और 1000 लाईक बेरोजगार लोग 24X7 कमेंट और लाईक ना करने पर फेसबुक से ब्लॉक। ****** पुरुष कवि मात्र 2 कविता पेलेंगे   महिला कवि अधिकतम 25 कविता   और सभी को महिला कवियों पर लाईक कमेंट अनिवार्य अन्यथा देशद्रोह में अंदर किया किया जा सकता है।   ****** ज्ञानी और विद्वान मात्र 4 ब्लॉग के लिंक और अखबार की कतरनें या लिंक लगा सकते है ****** बुद्धिजीवी ज्यादा से ज्यादा 3 पोस्ट में ज्ञान बघारेंगे   ****** सनद रहे ***** लेपटॉप बाबा के आश्रम "कबीर कुल" में दो जिज्ञासु बालक  Shubham Vaidya   Akshay Pathak पानी को लेकर ये दोनों युवा साथी नया प्रकल्प शुरू कर रहे है जो अपने तरह का अनूठा काम है। जापान की केंगन

लेपटॉप बाबा के आश्रम "कबीर कुल" में पत्रकार Navodit Shaktavat

लेपटॉप बाबा के आश्रम "कबीर कुल" में पत्रकार   Navodit Saktawat ***** भाषा और समझ के स्तर पर पत्रकार होना और व्यक्ति, भाषा, दुनियावी समझ के साथ धर्म, राजनीति और व्यवहार के स्तर पर पत्रकार होना एकदम भिन्न है। संगीत की अदभुत जानकारी, माइकल जैक्सन से लेकर कर्कश कुमार उर्फ किशोर कुमार , लता मंगेशकर और बाकी सबके बारे में तर्क और विश्लेषण करने वाले नवोदित इन दिनों इंदौर में काम कर रहे है। जीवन की दूसरी नौकरी करने वाले इस युवा की दुनिया, साहित्य और मीडिया को लेकर गहरी पैठ और समझ है।  वे कहते है कि बार बार नौकरी बदलना भी एक तरह का प्रोफेशनल प्रोसटीट्यूशन है इसलिए बारह साल भास्कर में काम किया और अब नईदुनिया जागरण में संतुलन बनाकर नौकरी कर रहे है। पिछले तीन चार वर्षों से इस आभासी दुनिया में दोस्ती थी पर मिलना आज हुआ जब वो घर आये और बहुत तसल्ली से देर तक अनुभव बाँटते रहे बतियाते रहे। राजनीति पर आकर बातचीत ख़त्म तो नही पर आगे मिलने और विस्तृत विश्लेषण के वादे पर रुकी। जाते समय मेरे कमरे की तारीफ़ इतनी की और फोटो खींचे कि मैं लगभग शर्मिंदा हो गया और इतना ही कहा कि अपनी जरूरतों क

Waseem, Karmuram and Super - Three Successful Cases of Changing Chhatisgarh

Waseem and CG state  राशिद बस सर्विस, अम्बिकापुर और बलरामपुर, अभी उन्नीस बरस के हुए वसीम के वालिद की है - जो गैरेज भी चलाते है, और बसों के साथ अन्य कई कारोबार भी है। वसीम ने बी ए पहला वर्ष पास होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और बसों का काम देखने लगे, रोज 500 किमी तक बस के साथ आते जाते है और चोखा हिसाब रखते है। " आधा रुपया थानों और आर टी ओ में बंट जाता है" वसीम कहते है। बस के साथ अगरबत्ती के प्रोडक्शन का काम भी देखते है थोक का, जब मैंने कहा कि अगरबत्ती तो बोला अल्लाह ने बुतपरस्ती को मना किया है ना कि ध ंधा करने को, गलत काम नही करता बस, ब्याज नही लेता मैं। नोट बन्द होने के क्या असर है पूछा तो कहते है नोट बन्द होना ठीक है, पर बड़े लोग तो पहले ही सेटिंग कर चुके है और अब आम लोगों को दिक्कत है, बस में हम आदिवासी लोगों को बिठा नही पा रहे, क्या करें ना छुट्टे है - ना बड़े नोट। बाजार से चिल्लर भी गायब है अब तो आदमी क्या करें अब। वसीम कहते है छग में अगला चुनाव भाजपा ही जीतेगी क्योकि यदि जोगी को तीस और कांग्रेस को तीस वोट मिलेंगे और भाजपा वाले को चालीस भी मिले तो सरकार बन ही जायेगी

Demonetization यानी नोट बंदी पर कुछ फूटकर नोट्स

50 % काली कमाई को आयकर विभाग में जमा करो सुबह 11 बजे जाकर, प्रमाणपत्र लो 250 रूपये में मॉल के पी वी आर में राष्ट्रगीत सुनकर "सैयाजी से ब्रेक अप कर लिया" " मैं कमली हो गयी यार" "जग घूमिया थारे जैसा ना कोई" टाइप गाने का लुत्फ़ उठाओ डेढ़ बजे घर लौटो दो चार कुत्तों को कुचलते हुए और लाईंन में खड़े टुच्चे नागरिकों को देखते हुए शाम को सच कहता हूँ एकदम राष्ट्रभक्त टाइप फीलिंग आती है भगवान कसम रात को थ्री चीयर्स फॉर सरकार राज !!! 29/XI/16 आमात्य जी जी महामात्य ? ये काला धन 50-50 तर्ज पर इकठ्ठा कर रहे हो क्या राम मंदिर बनवाया जा रहा है ? महामात्य, सीमा में रहे और चुपचाप अपना बुढ़ापा काटें, फ़ालतू बात ना करें आप लोग, अंदर जाईये, पूज्य अम्बानी जी और अडानी जी उष्ण पेय पर अर्थ और अर्थ नीति की चर्चा करने आते ही होंगे, मुझे राजधर्म का पालन करने दें। रघुकुल रीत, राम और एक वचन की बात करने वाले इतनी बार रोज बदलेंगे कि खुद को भी याद नही रहता कि क्या कहा था थोड़ी देर पहले। और यह 50 - 50 का बंटवारा किसी ठग या दलाल से कम है क्या और एक लोक कल्याणकारी रा