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Posts of 10 Dec 2016


कालाधन निकला - नही
370 का कुछ हुआ - नही 
समान आचार संहिता का - नही 
राम मंदिर बना - नही
पाक से बात बनी - नही
अमेरिका ने कुछ दिया - नही
इत्ता घूमे माल आया मतलब निवेश - नही
पड़ोसियों से रिश्ते बनें - नही
नेपाल का कुछ - नही
पार्टी में सब खुश है - नही
शिवराज, रमण, वसुंधरा का कुछ - नही
घपले और राज्यों के भ्रष्टाचार का - नही
पर्सन ऑफ़ द ईयर बनें - नही, नही, नही !!!

तो फिर क्या किया
50- 50 पूरी बेशर्मी से जो दुनिया में कही नही हुआ
भक्त पैदा किये
नकली सदस्य बनाये
धमकाया सवाल करने वालो को
छात्रों को बर्बाद किया
आपस में लड़े भिड़े
हम दोनों ने देश चलाया
खूब घूमे फिरे ऐश किये
गाय, बीफ फ़ालतू के मुद्दे उछाले
सबसे ज्यादा कांग्रेस को कोस कोसकर बेवकूफ बनाया
देश के नागरिकों को चूतिया बनाकर लाइन में खड़ा किया 
नकली नोट बन्दी कर अपने आकाओं को फायदा दिया
नजीब को गायब किया 
अखलाख को मारा
कश्मीर में अफजल के रिश्तेदारों के साथ सरकार बनाई
पूर्वोत्तर में पंगे किये 
मप्र में व्यापमं और एनकाउंटर किया
छग में नक्सल के नाम पर आदिवासियों को हकाला, मारा
और अंत में राष्ट्रगीत से मनोरंजन किया 
******
मन की बात कार्यक्रम समाप्त हुआ 
^^^^^^
केवल तर्क से बात करने वाले यहां आये, गंवार और भक्त तो बिलकुल नही।

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हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

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