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Showing posts from August, 2010
आज नहीं,अपने वर्षों बाद शायद पा सकूँ वह विशेष संवेदना जिसमें उचित हूँ ।मुझे सोचता हुआ कोई इंसान ,मुझे प्यार करती हुई कोई स्त्री ,जब मुझे समझेंगे-ताना नहीं देँगे;जब मैं उन्हें नहीं-वे मुझे पाएँगे,तब मुझे जीवन मिलेगा....तब तक अपरिचित हूँ ।- कुँवर नारायण ।