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Showing posts from February, 2024

Posts from 14 to 23 Feb 2024 - Vinay's book, Friend's request and all

फ्रेंड रिक्वेस्ट आने पर ये ध्यान रखें - ◆ न्यूनतम 20 फ्रेंड्स कॉमन हो तभी स्वीकारें ◆ सिर्फ़ और सिर्फ़ बन्दा या बंदी दूसरे के पोस्ट शेयर करें तो दुत्कार दें ◆ 100 से ज्यादा म्युचुअल फ्रेंड्स हो तो भी हकाल दें ◆ कविता, कहानी और सड़ानीरा या हिंदवी टाईप घटिया पोर्टल के पोस्ट शेयर करता हो तो भी निपटा दें ◆ नैतिकता का ज्ञान परोसने वाले केवि और नवोदय के हरामखोर पीजीटीज़ से सावधान रहें - ये सेटिंगबाज लोग साहित्य, कला, राजनीति, भोजन, जेंडर, कथेतर और जाति की बात का ढोंग ही इसलिये करते है कि इनकी बीबियों के कार्य स्थलों पर इनके ट्रांसफर होते रहें, यदि ये आप नही करवा सकते तो ये हद के बाहर जाकर बदतमीजी करेंगे एक दिन और ये नाग आपके पिलाये दूध के बदले जहर देंगे समाज को ◆ हर रविवार या रैदास से लेकर नत्थूलाल जयंती पर दुनियाभर के थकेले, अकेले, दारूबाज, निहत्थे और घटिया कवियों को जबरन तोककर अपने मुहल्ले में बुलाकर कार्यक्रम करने वाले चंदेबाज और धंधेबाज लोगों को भी घास ना डालें - ये आपको बुला- बुलाकर घेरकर कविता - कहानी - उपन्यास या आलोचना सुनाकर मार डालेंगे और आपकी सारी छुट्टियाँ हजम कर जायेंगे ◆ चर्चित नंग

Drisht Kavi, Bookfair 2024, and Posts of 5 to 13 Feb 2024

हे हिंदी के कवि जीते जी अपने छर्रों से अपने ही ऊपर किताब कैसे छपवा लेते हो बै और पूरी बेशर्मी से फिर बेच भी लेते हो इसलिये पूछ रियाँ हूँ कि हमारे कस्बे में एक कवि ने जीते जी अपने नाम पर फाउंडेशन बना लिया था और मरने तक उस फाउंडेशन के बैनर के नीचे बहुत तरह के जुगाड़ और सेटिंग वाले आयोजन करते रहें आओ मेरे प्रिय लाड़ले कवि तुम्हे हग करूँ - आज के दिन #दृष्ट_कवि *** फेसबुकिया लेखकों की किताबों और उनके दुष्प्रचार के चक्कर में बिल्कुल न पड़ें, आप इनकी किताबो के फोटू यहां ना चैंपे, इनके साथ आपकी भी इज्ज़त मेरी ही नही - दुनिया की नजरों में गिर जायेगी, अपना जमीर बचाये रखें जो आपको मिलकर गले मिल रहा हो, खूब प्यार से मिल रहा, आपको अपने शहर में आमंत्रित कर रहा उससे कटकर निकल लें जिसकी किताब को खासकरके युवा से दिखने वाले युवा [ जो 40 - 45 के ऊपर हो गया है, मैं कुछ कवियों को जानता हूँ जो रिटायर्ड हो गए कम्बख़्त अभी तक युवा ही कहलवाते है, इनके पड़पोतो की शादी हो गई पर ये जवान बने रहना चाहते है हरामखोर ] कोई पुरस्कार मिला हो - साहित्य अकादमी हो या शब्द-अब्द या गोबर गणेश उस किताब को बिल्कुल न खरीदें अजा, रज़ा ट

हमन को होशियारी से क्या - Mahila Kabir Yatra 1 Feb - Post of 1 Feb 2024

वहाँ से लौटा था तो ढ़ेरों कहानियाँ ले आया था, सूफ़ी अंदाज़, वहशतगर्द समय में प्रेम की बाणी, धैर्य, निर्गुण और संयम भी आस्था, आशा, भरोसा, विश्वास और ना जाने क्या - क्या खत्म होते जा रहा है, लग रहा है चूक रहा हूँ, नई उम्र के लोगों से मिला तो लगा कि कितना रिस्क ले रहे है ये लोग - इंजीनियरिंग के आखिरी सेमिस्टर में आकर छोड़ दी पढ़ाई और जबलपुर के पास तीन दोस्त मिलकर बाँस के कारीगरों से टोपली बनाना सीख रहें है, वही रहते खाते है और रात को मस्त होकर गाते है,मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी, निस्संग हो गए बस एक आश्रम बना लिया है, अभी वसंतोत्सव का बुलावा है मुझे भी 11 फरवरी को इनके यहॉं दिल्ली से फोटोग्राफी करके लगा कि दम नही व्यवसाय में तो उठकर लद्दाख चले गए - अपनी महिला मित्र के साथ, ना शादी की ना आपस में, ना दैहिक सम्बन्ध बने - बस दोस्त है और लद्दाख के जन जीवन को कैमरे में कैद कर रहें है, लोगों के साथ सीख रहें है जीना कि त्रासदी में कैसे जीते है सलकनपुर के पास रहकर नई उम्र के बच्चों को और अपनी उम्र के युवाओं को कोचिंग पढ़ाकर संतुष्ट है, अभी तक 6 पुलिस में, 2 पटवारी और 3 नायब तहसीलदार बन गए है छात्रों में - रोज

फरवरी इश्क है

1 दिलफेंक युवा था, खूबसूरत और लंबा चौड़ा, प्रदेश के छोटे जिले से आया था राजधानी पहली बार नौकरी करने, अच्छी - भली नौकरी थी उसकी और इश्कबाजी में हमेशा अव्वल रहता था, जब भोपाल आया तो मुझे बताया कि एक दफ्तर की लड़की से प्रेम हो गया, मेरे घर आने लगे, कमरे की चाभी ले जाता जब मै दफ्तर में रहता तो, दर्जनों बार मैंने दोनों को देर रात खाना बनाकर खिलाया था, फिर अचानक उसका लड़की से झगड़ा हुआ, जीवन में कितनी लड़कियों से उसने प्रेम किया होगा, नही मालूम - मेरे देखते - देखते ही भोपाल में यह चौथी लड़की थी अंत में शादी किसी और से हुई, तीन माह में ही झगड़ा हुआ तो बीबी ने दहेज कांड में फँसाकर मुम्बई की आर्थर रोड जेल में डलवा दिया, बीबी किसी अठारह उन्नीस साल के लड़के से फंसी थी - ऐसा उसने बताया था, एक दिन आकर दोनो ने पति परमेश्वर को खूब पीटा और दहेज की रिपोर्ट लिखवाकर जेल में डलवा दिया, लगभग चार साल बाद छूटा फिर तीसरी लड़की से शादी की और बड़े अनजान शहर में जाकर बस गए दोनो और काम पर लग गए शरीफों की तरह इधर उस लड़की का ब्याह हुआ जो भोपाल में मेरे घर उसके साथ आया करती थी, लड़की का ब्याह पहली बार वाले अपने पुराने आशिक के