नाश्ता कल्ल लो फिरेन्ड्स
एक चीकू, कुछ अंगूर, गाजर, खीरा, चुकंदर, टमाटर, हरी मिर्च और थोड़ा सा ऑलिव ऑइल और चाट मसाला
अब तीन बजे तक की फुर्सत
***
सरकारी डॉक्टर को आप केशर और ड्रायफ्रूट्स की चाशनी में घोल लें भले, पर वो नीम करैला ना ढंग से बात कर सकता है और ना व्यवहार
बदतमीजी का नोबल इनके नाम कर दो तो भी वही रहेंगे ये लोग - मतलब बोलना और मुस्कुराना तो दूर चेहरे पर हमेंशा साढ़े बारह बजे रहते है और सिवाय आपस में राजनीति, साथी कर्मचारियों की बुराई और प्रशासन की खींचतान के अलावा कोई बात नही करते और कुछ पूछने पर ऐसे दौड़कर आते हो जैसे किसी ने इनके घोड़े मार दिए हो
हो सकता है मरीज़ो की सँख्या और सीमित स्टॉफ के कारण ये ऐसे हो गए हो पर हरेक को एक ही तराजू पर तौलना और बुरी तरह से व्यवहार करना इनकी उच्च शिक्षा से बिल्कुल मेल नही खाता, लगता है ये निहायत ही अजीब माहौल में पता नही क्या पढ़कर आये है या जन्म के समय क्या घुट्टी पिलाई होगी
मप्र में यही हाल है या सब जगह
Comments