Waseem and CG state
राशिद बस सर्विस, अम्बिकापुर और बलरामपुर, अभी उन्नीस बरस के हुए वसीम के वालिद की है - जो गैरेज भी चलाते है, और बसों के साथ अन्य कई कारोबार भी है। वसीम ने बी ए पहला वर्ष पास होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और बसों का काम देखने लगे, रोज 500 किमी तक बस के साथ आते जाते है और चोखा हिसाब रखते है। " आधा रुपया थानों और आर टी ओ में बंट जाता है" वसीम कहते है।
बस के साथ अगरबत्ती के प्रोडक्शन का काम भी देखते है थोक का, जब मैंने कहा कि अगरबत्ती तो बोला अल्लाह ने बुतपरस्ती को मना किया है ना कि धंधा करने को, गलत काम नही करता बस, ब्याज नही लेता मैं। नोट बन्द होने के क्या असर है पूछा तो कहते है नोट बन्द होना ठीक है, पर बड़े लोग तो पहले ही सेटिंग कर चुके है और अब आम लोगों को दिक्कत है, बस में हम आदिवासी लोगों को बिठा नही पा रहे, क्या करें ना छुट्टे है - ना बड़े नोट। बाजार से चिल्लर भी गायब है अब तो आदमी क्या करें अब।
वसीम कहते है छग में अगला चुनाव भाजपा ही जीतेगी क्योकि यदि जोगी को तीस और कांग्रेस को तीस वोट मिलेंगे और भाजपा वाले को चालीस भी मिले तो सरकार बन ही जायेगी ना जैसे छोटी लड़ाइयों में 31 वोट से मोदी जी मुखिया बन गए और अब अपनी वाली चला रहे है। जोगी वोट काटेगा और अब हर जगह घूम - घूमकर वो अपनी पार्टी बड़ी कर रहा है। " हाँ 2019 में मैं पहली बार वोट दूंगा तब जरूर सोचूंगा कि मेरा जेब खर्च बंद कर दिया था मोदी जी ने, वालिद साहब अब सौ रूपये नहीं देते और शाम को दोस्तों को समोसे नही खिला पाता और सब बचते है राजश्री खिलाने से भी, साले दोस्त भी कंजूस हो गए है पर क्या करें खुल्ले पैसे नही है और गांधी चौक वाला चौरसिया भी उधार नही दे रहा अब" !!!
वसीम को अब छग में मज़ा नही आ रहा , बोर हो गया है - वह दिल्ली, मुम्बई और नाशिक देखना चाहता है और जब खूब सारे सौ-सौ के नोट जमा हो जाएंगे तो लंदन और अफ्रीका में जाकर क्रिकेट मैच देखने की इच्छा है।
अल्लाह हाफ़िज़ कहकर वह विदा हो गया, हाँ बोला - अगली बार आओ तो मेरे घर आना, मटन बिरियानी मेरी माँ बहुत अच्छी बनाती है। मैने कहा " इंशा अल्लाह जल्दी ही आता हूँ, खूब सारे सौ के नोट लेकर "
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Karmuram and His Zeal to fight
करमुराम जी 65 बरस के है, जब लक्ष्मणगढ़ में था उदयपुर ब्लॉक, जिला सरगुजा, छग के तो, इन्हें लाठी के साथ जाते हुए देखा। इन्होंने राम राम की तो मैं रुक गया और इनकी उम्र देखकर मैंने कहा कि दादा इस गाँव का नाम लक्ष्मणगढ़ क्यों है, तो बोले क्या है कि यहां से थोड़ी दूर रामगढ़ का जिला है जिसके अब " भग्नावशेष" ही मिलेंगे, जाहिर है लक्ष्मणगढ़ पास होना ही था।
मुझे करंट लग गया क्योकि एक दूरस्थ आदिवासी गाँव में इतनी साफगोई और उच्च हिंदी ! करमुराम जी हंसने लगे बोले बेटा चौको मत, मैं पुराने जमाने की ग्यारहवीं पास हूँ और अपने जमाने का अपने गाँव का सर्वाधिक शिक्षित।
मैं नतमस्तक हो गया और बात करने लगा , उन्होंने कहा कि आजकल हम अनावृष्टि और अतिवृष्टि से परेशान है और सरकार यद्यपि अच्छा काम कर रही है पर किसान और आदिवासी हाशिये पर है। वे कहने लगे कि सरकार ने हर 1 किमी पर प्राथमिक, 3 किमी पर माध्यमिक और 10 किमी पर हाई स्कूल बना दिए है, धीरे से जागृति आ रही है, स्ट्रक्चर बन गए है, कल शिक्षा भी आ जायेगी और हालात बदलेंगे।
उफ़, मैं पागल हो रहा था और वे बोले जा रहे थे कि हम बिंझिया आदिवासी है कुल मिलाकर यहां 90 बिंझिया आदिवासी परिवार है पर हमें आरक्षण नही मिलता सो लड़ रहा हूँ - डा रमन सिंह एक बार गजट नोटिफिकेशन कर दें तो बिंझिया जो रायपुर, बलौदा बाजार, सूरजपुर , कोरबा में बसे है, को नौकरी का लाभ मिलने लगेगा। अगर नही माना तो हाई कोर्ट जाऊंगा या माननीय सुप्रीम कोर्ट में।
बेहोश होते होते बचा मैं। उफ़ क्या आदमी था जीवंत और जीवन से भरा हुआ, ज्ञान और दुनियादारी से समृद्ध - जिसने अपने बचपन में गाँव से उदयपुर तक रोज बीस किमी पैदल चलकर शिक्षा पूरी की।
क्या सच में हमे अभी भी बाहरी रोल मॉडल ढूंढने है और किसी नेता की जरुरत है।
सलाम और बहुत सारी दुआएँ।
जो मित्र पूछते है कि मैं इतनी शुगर, ब्लड प्रेशर, फ्रोजन शोल्डर के बाद कैसे घूम लेता हूँ - तो मैं कहता हूँ मेरी ताकत तो करमुराम, बैतूल की महिला कुली दुर्गा या ऐसे सारे मित्र है जो संघर्ष कर नई दुनिया बसाने की जिद में है इस नारे के साथ कि
लड़ेंगे , जीतेंगे !
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Super, the young enthusiastic Bega boy of Teliyapani
सुपर
जी हां, सुपर नाम है इस युवा का, जो मराडोबरा गाँव का रहने वाला है, पंडरिया (कवर्धा) से ऊपर पहाड़ पर बसे गाँव का यह सुपर बारहवीं के बाद पढ़ना चाहता है और खूब मेहनत करके बैगा समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करना चाहता है।
इसका नाम पिताजी ने रखा था, यह मजाक में कह रहा था कि शायद वे पलायन पर कही गये रहे होंगे और शहरों की सुपर चाय पसन्द आई होगी तो मेरे जन्म पर मेरा नाम ही सुपर रख दिया, बहरहाल, गजब के उत्साह और जोश से भरे है ये युवा और अब इन्हें राजनीति भी समझ आ रही है और शिक्षा का महत्व भी।
सुपर ने कहा कि "अबकि बार बस बदलना है" पूछने पर क्या तो हौले से मुस्कुरा दिया और बोला बस इंतज़ार करिये बस बदलना है ! मै भी मुस्कुरा दिया और मैंने कहा बदलो यार बहुत साल हो गए !!!
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