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अन्ना के बहाने कुछ सवाल...............

बच्चे पूछ रहे है कि ये आंदोलन अगले साल इतिहास की किताब में तो नहीं होगा ना ???
ओर अन्ना, प्रशांत भूषण ओर अरविन्द केजरीवाल की जीवनी कोर्स में तो नहीं होगी ना.............????
बच्चो की चिंता भी बहुत वाजिब है दोस्तों............!!!!!!!!!!!!!!

भारत माता की जय, जय हिंद, वंदे मातरम ........क्या दक्षिण पंथी नारे है या देशभक्ति नारे क्या इनका इस्तेमाल हर प्रकार के आंदोलनों में किया जा सकता है मुझे नहीं पता दोस्तों मदद करो......., मेरी मोटी अक्ल में कुछ समझ नहीं आ रहा अभी बहस सुनकर भ्रमित हो गया हूँ... फ़िर सारे देशभक्ति गीत भी ओर सारे जनगीत जो हम २५ बरसो से गा रहे है..."इसलिए राह संघर्ष की हम चुने जिंदगी आंसूओ में नहाई ना हो........"
लो आखिर जिसका डर था वही हुआ अब अन्ना के आरती चालू हो गयी अब इंतज़ार है अन्ना की मुर्तिया मिलने का, मुझे नहीं पता कि रामलीला मैदान पर अन्ना ताबीज ओर गंडे-नाड़े मिल रहे है कि नहीं......थोड़े दिनों में अन्ना की जगह-जगह मुर्तिया भी स्थापित हो जायेगी......दरअसल आज के हिन्दू में अरुंधती का लेख बहुत सटीक है ओर विचारणीय है मेरे मित्रों को उसे पढना चाहिए ओर गुनना चाहिए.

निखिल डे ओर प्रशांत भूषण एनडीटीवी पर कह रहे कि वे एनजीओ को इस दायरे में नहीं लेंगे उसके लिए तो सरकार ही काफी है यानी एनजीओ वालो खूब कमाओ ओर खाओ, लो ओर दो....लोकपाल तो मोटे माल वालो की कमाई वालो के लिए है...........

अन्ना दिल्ली भ्रष्टाचार के खिलाफ लडने आये थे या सरकार बनाने ,कि इन लोगो ने बिलकुल सही समय चुना है जब सोनिया बाहर है तो दबाव बना कर ये इस्तीफा देने को मजबूर करेंगे ओर फ़िर सत्ता पर काबीज हो जायंगे जिस तरह से रोज नए समीकरण बन् रहे है उसमे भ्रष्टाचार तो गौण हो गया है ओर सता पाना ओर मन मोहन सरकार को हटाना प्रमुख मुद्दा... पार्टनर तुम्हारी पोलिटिक्स क्या है......???


चुप्पी सबसे बड़ा ख़तरा है ज़िंदा आदमी के लिए'...अपनों की बेरुखी भी मौत से कहाँ कम है? क्या करूँ? कौन सी मौत चुनुं?

-पाश

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