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एक काले दिन के फूटकर नोट्स


देश में लगभग आपातकाल जैसे हालात बन् रहे है आज संसद तय करेगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश इस देश की दशा और दिशा तय करेंगे......कल का भाषण और मौन मोहन सिंह का नजरिया यदि ठीक होता तो शायद आज ये स्थिति नहीं बनती. जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगो को संयम बरतना कितना जरूरी है यह ६५ वी साल गिरह का सबसे बड़ा पाठ है. खैर, अब यह देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है, अब विपक्ष को पानी भूमिका ठीक से निभाना होगी ना कि टालमटोल वाली.

Govt is feeling guilty and now in dilemma what to do...........Session of Parliament is on, they are talking seriously, in the mean time why cant Hon Supreme Court take Su- Motto action and instruct Govt to release all activists of India Against Corruption. But best part is Delhi Police has acted with lot of passions, it must be appreciated, in the way all behaved it shows that they are also in favor of this group.
Its a BLACK DAY in the country, may be these people are wrong but in the way govt is acting this is ridiculous and embarrassing।


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