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२६ जनवरी के अवसर पर " नि‍त्‍यानंद गायेन"

Nityanand Gayen : २६ जनवरी के अवसर पर
भूख-शोषण
और धर्म की गुलामी में
किन्तु सुना है मैंने
कई बार-
हम आज़ाद हो चुके हैं
उन्हें कहते हुए
कुछ तो सच्चाई होगी
उनकी बातों में
वे शायद सच में आज़ाद हैं
तभी तो लूट रहे हैं
जी भर कर
उन्हें लूटने की आज़ादी है
मेरी आज़ादी के नाम पर
मिली है मुझे
गरीबी, शोषण, अशिक्षा
और कुछ आरक्षण का वादा
एक सरकारी कागज़ पर
उन्हें मालूम था
मुझे पढना नही आता .

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