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देवास के ओटले पर हिन्दी के सशक्त कवि एकांत श्रीवास्तव — 28 January at 17:30.




प्रिय साथी,
सुनना, गुनना और बोलना हमारी परम्परा ही नहीं बल्कि संस्कृति का एक अभिन्न अंग है. हमारे मालवे में बड़े बूढ़े और सयाने लोग इसी सब के साथ हमेंशा लगे रहते है ओर सबके साथ सब कुछ साझा करते है, और यही हमारी ताकत है. हम सब देवास के लोग जो लिखने -पढने का शौक रखते है कुछ िखते पढते ओर गुनते बुनते है सबके साथ साझा ही नहीं करते पर दूसरों को भी सुनने में और समझने में यकीन करते है.

देवास में लिखने पढने वालो की एक वृहद लंबी परम्परा रही है संगीत, साहित्य, चित्रकला ओर ना ना प्रकार की ललित कलाएं इस शहर की विशेषता है और इस कला को हम साकार होते देखते है जब अपनी ही माटी के लोग उठते और खड़े होते है पूरी प्रतिबद्धता ओर उत्साह के साथ कि देश- प्रदेश में सबके साथ सबके लिए कुछ सार्थक करेंगे. ओटले के प्रथम आयोजन में दिल्ली के ड़ा जीतेंद्र श्रीवास्तव के कविता पाठ को हम भूले नहीं है अभी, उस आयोजन की गरिमा और गंभीरता को आप सबने रेखांकित भी किया था.

देवास के ओटले पर हम सब मिल रहे है दूसरी बार फ़िर से हिन्दी के सशक्त कवि एकांत श्रीवास्तव के साथ. एकांत हिन्दी के मात्र एक ऐसे कवि है, जो ना मात्र कविता को जीते है वरन वे कविता की उस अकादमिक पीढ़ी से आते है जो कविता के पुरे संसार को अपने तईं एक नया मुहावरा, नई समझ और नया विस्तार देते है. एकांत का काव्य संसार कविता की एक ऐसी दुनिया है जहां प्रयोग, नवाचार, शब्द, अर्थ और कथन अपना एक बिम्ब ही नहीं गढते वरन पुरजोर तरीके से कविता की मुखालफत करते है. अविभाजित म् प्र के छत्तीसगढ़ में जन्मे एकांत ने अपनी भाषा के संस्कार तो लिए ही है, परन्तु दुनियावी अनुभवों की थाती से वे एक ऐसी कविता का अनुशासन लेकर आये कि उन्होंने परम्परागत रचनाधर्म की कई सीमाओं को तोड़ा और कविता की दुनिया में नई समझ, उपज और व्याख्या प्रस्तुत की. कई पुस्तकों के रचनाकार भाई एकांत को दीर्घकालीन संपादन का भी वृहद अनुभव है. वागर्थ जैसी नामचीन पत्रिका के समपादक होने के नाते उन्होंने नए कवियों को भी तराशा और मंच दिया. एक परिपक्व कवि, संपादक और बेहतरीन इंसान एकांत को सुनना और चर्चा करना अपने आप में एक सुखान्त अनुभव है.
इस अवसर पर अशोकनगर के युवा एवं प्रतिष्ठित यशस्वी चित्रकार पंकज दीक्षित की कविता पोस्टर प्रदर्शनी को भी हम देखेंगे और समझेंगे, साथ ही हमारे निमाड अंचल (मनावर) के व्यंग्यकार गोविन्द सेन के बोधी प्रकाशन, जयपुर द्वारा प्रकाशित व्यंग्य संग्रह का एकांत श्रीवास्तव लोकार्पण भी करेंगे.
इस बहुमूल्य समय के विचारवान कार्यक्रम में आप सभी सादर आमंत्रित है.

स्थान- बी आर सी भवन, चिमणाबाई हायर सेकेंडरी स्कूल के पीछे, मील रोड, देवास.
दिनांक- 28 जनवरी 2012,
समय- शाम 530 बजे से
संपर्क- मनीष-9826013806, बहादुर-9827340666, संदीप-9425919221, दिनेश- 9406885093

निवेदक- “ओटला" के साथी – हम और आप.

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