पंडित मल्लिकार्जुन मंसूर के सुयोग्य पुत्र पंडित राजशेखर मंसूर ने तीन चार अच्छी बातें कही आज...........कि कुमार गन्धर्व और मल्लिकार्जुन मंसूर जैसे दो ही लोग है जो संगीत में अदभुत थे जिहोने संगीत को गाया ही नहीं वरन संतो जैसा सोचा विचारा और नए रागों की सतत रचना की और घरानों का निर्माण किया, दूसरा दोनों में इतनी निकटता थी कि कोई यकी नहीं कर सकता वरना दो संगीतज्ञो में आम तौर पर द्वेष बैर भाव होता है और गहरी प्रतिस्पर्धा, राजशेखर जी ने कहा कि इन दोनों में जितना प्रेम था उतना आज के युवा या प्रोढ संगीतकारों में देखने को नहीं मिलता, तीसरी महत्वपूर्ण बात थी कि राजशेखर जी हमेशा अप्रचलित राग ही गाते है आज की नितांत प्राईवेट महफ़िल में राग मालवी, नन्द और लुप्त प्रायः राग मेघावाली गाया, उन्होंने बहुत संजीदगी से कहा कि यदि इन खत्म होते रागों को नहीं गाया ओर ये राग कानो पर नहीं पड़े ये राग तो सिर्फ किताबों में बंद होकर रह जायेंगे......
कुमार् जी के बिना मालवा और देवास के लोग गत बीस बरसो से रह रहे है यह सोचना भी कितना मुश्किल है पर आदरणीय वसुंधरा ताई, उनकी बिटिया कलापिनी और भुवन ने देवास और मालवे के लोगो को संगीत से जोड़े रखा है...........हर बरस घर "भानुकुल" में पर उनकी स्मृति में जो अनूठे आयोजन होते है और लोग मिल बैठकर सुनते है वह शायद देश के किसी हिस्से में शायद ही प्रचलित हो.....कलागुरू विष्णु चिंचालकर कहते थे कि हम मालवे के लोग कुमार के बंधुआ है और जब भी कुमार के नाम पर कुछ होगा हम सब चले आयेंगे और वो सही भी कहते थे कुमार जी की शख्सियत और गाना ही कुछ ऐसा था और आज पंडित राजशेखर ने जो अदभुत संस्मरण सुनाये उससे लगता है कि यह बात बिलकुल सही है.......इस बहाने से लोग इस छोटे किन्तु बड़े होते और मार्केट बनाते जा रहे शहर में मिल भी लेते है यह भी कम अचम्भा नहीं है.........इसी मोके पर प्रोफ़ेसर रामचंद्रन की बेटी ने राग मारवाह और बसंत बहार गाकर बसंत पंचमी के आने की याद दिलाई और सबसे बढ़िया बात थी कि उज्जैन के युवा तबला वादक मयंक बेडेकर ने आज पूरी महफ़िल लूट ली, मयंक ने अपने जौहर का प्रदर्शन किया और बहुत विनम्रता से अपनी उंगलियों की थाप से सबका दिल जीत लिया...............बहुत बरस पहले देवास के ही मंच पर विवेक देशपांडे का सोलो तबला सुना था, आज मयंक का तबला सुनकर मन प्रसन्न हो गया यह मयंक बहुत ही होनहार है और आने वाले समय में इसकी थाप दुनिया में सुनाई देगी..............
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