एर्नेस्तो कार्देनाल की 'सुभाषित' श्रृंखला से कुछ कविताएँ...
एर्नेस्तो कार्देनाल की कविताएँ
एर्नेस्तो कार्देनाल की कविताएँ
(अनुवाद : मनोज पटेल)
हम दोनों ही हार गए जब मैनें खो दिया तुम्हें :
मैं इसलिए हारा क्यूंकि तुम ही थी जिसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करता था
और तुम इसलिए हारी क्यूंकि मैं ही था तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करने वाला.
मगर हम दोनों में से तुमने, मुझसे ज्यादा खोया है :
क्यूंकि मैं किसी और को वैसे ही प्यार कर सकता हूँ जिस तरह तुम्हें किया करता था.
मगर तुम्हें उस तरह कोई नहीं प्यार करेगा जिस तरह मैं किया करता था.
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लड़कियों, तुम लोग जो किसी दिन पढ़ोगी इन कविताओं को आंदोलित होकर
और सपने देखोगी किसी कवि के :
जानना कि मैनें लिखा था इन्हें तुम्हारे जैसी ही एक लड़की के लिए
और व्यर्थ ही गया यह सब.
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यही प्रतिशोध होगा मेरा :
कि एक दिन तुम्हारे हाथों में होगा एक प्रसिद्द कवि का कविता-संग्रह
और तुम पढ़ोगी इन पंक्तियों को जिन्हें कवि ने तुम्हारे लिए लिक्खा था
और तुम इसे जान भी नहीं पाओगी.
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