Abha Nivsarkar Mondhe nadi ka dukh yatraa kaise ho saktee hai....
नदी
का
दुख
यात्रा
नहीं...
यक़ीन
न
हो
तो
मेरी
आंखो
की हिमनद
से पूछ
देखिये...
Maya Mrig नदी का जीवन ही यात्रा है...हर सुख दुख को साथ बहाते हुए....अंतहीन यात्रा
Sandip Naik कई बार हममे सब होते हुए भी हम अपनी ही करनी और नियति से जूझते रहते है और शायद यही बात अविनाश कहने की कोशिश कर रहे है..................right Avinash Mishra......................
Avinash Mishra शुक्रिया सर.... एक नया अर्थ दिया आपने इस पंक्ति को.....
Sandip Naik नहीं अवि तुमने बल्कि मेरे कई जाले साफ़ कर दिए यह अदभुत पंक्ति है जो अपने साथ साथ चलने वाली पीड़ा का बयान भी करती है और फ़िर नियति को भी स्वीकारने की चनौती भी देती है और इस सबके बाद हम फ़िर भी दोनों साथ लेकर चलते है क्योकि जीना तो हर हाल में है ही ना..........बस यात्रा और पानी दोनों का दर्द साथ लेकर.......................
Avinash Mishra बस यात्रा और पानी दोनों का दर्द साथ लेकर.......................क्या कहने....
का
दुख
यात्रा
नहीं...
यक़ीन
न
हो
तो
मेरी
आंखो
की हिमनद
से पूछ
देखिये...
Maya Mrig नदी का जीवन ही यात्रा है...हर सुख दुख को साथ बहाते हुए....अंतहीन यात्रा
Sandip Naik कई बार हममे सब होते हुए भी हम अपनी ही करनी और नियति से जूझते रहते है और शायद यही बात अविनाश कहने की कोशिश कर रहे है..................right Avinash Mishra......................
Avinash Mishra शुक्रिया सर.... एक नया अर्थ दिया आपने इस पंक्ति को.....
Sandip Naik नहीं अवि तुमने बल्कि मेरे कई जाले साफ़ कर दिए यह अदभुत पंक्ति है जो अपने साथ साथ चलने वाली पीड़ा का बयान भी करती है और फ़िर नियति को भी स्वीकारने की चनौती भी देती है और इस सबके बाद हम फ़िर भी दोनों साथ लेकर चलते है क्योकि जीना तो हर हाल में है ही ना..........बस यात्रा और पानी दोनों का दर्द साथ लेकर......................
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