चिट्ठी पत्री
खतो खिताबत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
रब्बा जाने
सही इबादत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
चेहरे झुलस गये कौमों के लू लपटों में
गंध चिरायंध की आती छपती रपटों में
युद्ध क्षेत्र से क्या कम है यह मुल्क हमारा
इससे बदतर
किसी कयामत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
हवालात-सी रातें दिन कारागारों से
रक्षक घिरे हुए चोरों से बटमारों से
बंद पड़ी इजलास
जमानत के मौसम
फिर कब आयेंगे ?
ब्याह सगाई विछोह मिलन के अवसर चूके
फसलें चरे जा रहे पशु हम मात्र बिजूके
लगा अंगूठा कटवा बैठे नाम खेत से
जीने से भी बड़ी
शहादत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
-नईम
खतो खिताबत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
रब्बा जाने
सही इबादत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
चेहरे झुलस गये कौमों के लू लपटों में
गंध चिरायंध की आती छपती रपटों में
युद्ध क्षेत्र से क्या कम है यह मुल्क हमारा
इससे बदतर
किसी कयामत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
हवालात-सी रातें दिन कारागारों से
रक्षक घिरे हुए चोरों से बटमारों से
बंद पड़ी इजलास
जमानत के मौसम
फिर कब आयेंगे ?
ब्याह सगाई विछोह मिलन के अवसर चूके
फसलें चरे जा रहे पशु हम मात्र बिजूके
लगा अंगूठा कटवा बैठे नाम खेत से
जीने से भी बड़ी
शहादत के मौसम
फिर कब आयेंगे?
-नईम
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