असली
भारतीय प्रशासन सेवा तो अब होगी जब अंग्रेजीदां चिकने चुपड़े होनहार युवा
गिटिर-पिटिर करते हुए परसासन चलाएंगे और हम आप जैसे ससुरे दो कौड़ी के
हिन्दी माध्यम वाले साले टुच्चे लोग उन्हें हैरत भरी निगाहों से देखेंगे
..........अच्छा सिला दिया है राष्ट्रभाषा को हम सबने मिलकर !!! इसे कहते
है सौ सुनार की और एक लुहार की
सही भी है - ना अंग्रेजी आती है,
ना कंप्यूटर और ना बिदेसियों के सामने गरीबी परोसना, साले जो प्रमोटी होते
है वे तो नाम ही डुबो देते है इस सेवा का, तो अच्छा है साला पाप ही कटा -
इन हिन्दी भाषियों का, क्षेत्रीय भाषावाले काले-कुले लोगों का, कोई
स्मार्टनेस नहीं चेहरे पर, ना ही सेक्सी रौब, कटे है तो साले गरीब,
रिक्शावालों की औलादे, गरीब गुर्गे, दलित..... चिल्लाते रहे दिलीप मंडल
जैसे लोग और करते रहे आकंडों का संजालपरक विश्लेषण
अब वही होगा
जो ये अंग्रेजीदां चाहेंगे.... आ जाये एफडीआई या कोई और हम सब कर लेंगे,
चिल्लाती रहे मेधा पाटकर और माधुरी बेन- ज्यादा चपड़ -चौं की तो जिला बदर कर
देंगे, प्रदेश बदर या फ़िर सीधा देश निकाला दे देंगे .......
पधारिये, पधारिये महाराज, सॉरी हिज और हर हाईनेस..............प्लीज़ वेलकम, प्लीज़......!!!!
सही भी है - ना अंग्रेजी आती है, ना कंप्यूटर और ना बिदेसियों के सामने गरीबी परोसना, साले जो प्रमोटी होते है वे तो नाम ही डुबो देते है इस सेवा का, तो अच्छा है साला पाप ही कटा - इन हिन्दी भाषियों का, क्षेत्रीय भाषावाले काले-कुले लोगों का, कोई स्मार्टनेस नहीं चेहरे पर, ना ही सेक्सी रौब, कटे है तो साले गरीब, रिक्शावालों की औलादे, गरीब गुर्गे, दलित..... चिल्लाते रहे दिलीप मंडल जैसे लोग और करते रहे आकंडों का संजालपरक विश्लेषण
अब वही होगा जो ये अंग्रेजीदां चाहेंगे.... आ जाये एफडीआई या कोई और हम सब कर लेंगे, चिल्लाती रहे मेधा पाटकर और माधुरी बेन- ज्यादा चपड़ -चौं की तो जिला बदर कर देंगे, प्रदेश बदर या फ़िर सीधा देश निकाला दे देंगे .......
पधारिये, पधारिये महाराज, सॉरी हिज और हर हाईनेस..............प्लीज़ वेलकम, प्लीज़......!!!!
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