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होशंगाबाद के अस्पताल में फिर एक बच्ची और प्रसूता की मौत 01/ 04/15

होशंगाबाद के सरकारी जिला अस्पताल में आज सुबह 530 पर रसूलिया होशंगाबाद निवासी सपना अभिषेक रघुवंशी ने एक बेटी को जन्म दिया जो जन्म के बाद ही तुरंत देखभाल के अभाव में मर गयी और ठीक दो घंटे बाद सपना की भी मौत सुबह 730 पर हो गयी. ड्यूटी डाक्टर चंदेईया थी जिहोने प्रथम श्रेणी की लेडी डाक्टर डी हरने को बुलाने में देरी की और जब तक ये डा हरने मैडम पहुँचती सपना की मौत हो चुकी थी. सपना को 30 मार्च को भर्ती किया गया था और आज 1 अप्रेल को उसकी मृत्यु हो गयी - तंत्र में रहकर, वाह क्या बात है ??? शाबाश !!!!
सपना की तबियत रात में ही बिगड़ चुकी थी, उसका कायदे से सीजेरियन आपरेशन होना था परन्तु ड्यूटी डाक्टर टालती रही और नार्मल डिलीवरी का इंतजार करती रही बाद में सुबह सपना ने एक जब बच्ची को जन्म दिया तो जन्म के तुरंत बाद बच्ची की मृत्यु हो गयी. मेरे स्रोतों ने बताया कि वरिष्ठ डाक्टर को बुलाने और उन्हें आने में भी देरी हुई वरना कम से कम सपना को तो बचाया ही जा सकता था. सपना की यह पहली ही डिलीवरी थी और सपना की उम्र लगभग चौबीस पच्चीस बरस ही थी.
और कितनी जानें लेंगे ये डाक्टर और सरकारी तंत्र जबकि होशंगाबाद के अस्पताल में नवजात गहन कक्ष इकाई, निप्पी के सहयोग से विशेष वार्ड और प्रसुताओं के लिए भी विशेष देखभाल की सुविधाएं है. तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े ने अस्पताल को बहुत ठीक कर दिया था जिसे राहुल जैन ने भी मेंटेन रखा परन्तु अब क्या हो गया है? दुर्भाग्य से जिस अस्पताल के लेबर रुम में कुतिया बच्चों को जन्म दें और वे बच्चे चार दिन तक पड़े रहे कोई स्टाफ इन बच्चों और कुतिया को ना हटायें, या अस्पताल का कर्मचारी रात दो बजे एक सोलह बरस की लड़की से बलात्कार कर लें और अस्पताल प्रशासन एफ आई आर लिखाने में भी कोताही बरते तो उस अस्पताल, प्रशासन और शासन पर क्या सवाल उठाये जाए. क्या कर रहे है डीपीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन?
प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य बहुत बात करते है शिशु मृत्यु दर और माताओं की मृत्यु को नियंत्रण करने की पर जब ऐसे मामले सामने आते है तो सवाल उठेंगे ही . क्या मप्र के माननीय मुख्य मंत्री कुछ करेंगे?
यहाँ पढ़िए शिकायत जो सपना के पति ने अभी अभी की है जिसमे वे कह रहे है कि लेबर रुम से वार्ड में शिफ्ट करते समय लापरवाही से सपना नीचे गिर गयी स्ट्रेचर से और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. कितना शर्मनाक है यह सब, आप यकीन करेंगे ऐसे किसी भी तंत्र पर?

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