""अंतिम फैसला"
हमारी मेहनत हमारे गहने हैं,
हम अपना श्रम बेचते हैं,
अपनी आत्मा नहीं,
और तुम क्या लगा पाओगे हमारी कीमत?
तुम हमें अपना हक़ नहीं देते,
क्योंकि तुम डरते हो,
तुम डरते हो हम निहत्थों से,
तुम मुफ्त खाने वाले हो,
हमारी मेहनत हमारे गहने हैं,
हम अपना श्रम बेचते हैं,
अपनी आत्मा नहीं,
और तुम क्या लगा पाओगे हमारी कीमत?
तुम हमें अपना हक़ नहीं देते,
क्योंकि तुम डरते हो,
तुम डरते हो हम निहत्थों से,
तुम मुफ्त खाने वाले हो,
तुम हमें लाठी और,
बन्दूक की नोक पे,
रखते हो-
लेकिन याद रक्खो,
हम अगर असलहे उठायें,
तो हम दमन नहीं,
फैसला करेंगे..........
बन्दूक की नोक पे,
रखते हो-
लेकिन याद रक्खो,
हम अगर असलहे उठायें,
तो हम दमन नहीं,
फैसला करेंगे..........
-अदनान कफील
अदनान कफील 17 साल के है और दिल्ली विश्वविधालय में बी.एस. सी. कंप्यूटर साइंस के छात्र है। इनके युवा तेवर देखकर लगता है कि कविता में आग है और एक दिन अपनी परिपक्व समझ से जलजला पैदा करेंगे.....बहुत उम्मीद और अपेक्षाओं के साथ ढेरो शुभकामनाएं ...लिखते रहो अदनान कफील
साभार Yadav Shambhu
अदनान कफील 17 साल के है और दिल्ली विश्वविधालय में बी.एस. सी. कंप्यूटर साइंस के छात्र है। इनके युवा तेवर देखकर लगता है कि कविता में आग है और एक दिन अपनी परिपक्व समझ से जलजला पैदा करेंगे.....बहुत उम्मीद और अपेक्षाओं के साथ ढेरो शुभकामनाएं ...लिखते रहो अदनान कफील
साभार Yadav Shambhu
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