तुम्हारे लिए...............सुन रहे हो................कहाँ हो तुम...............
मुझे खर्ची में पूरा एक दिन हर रोज़ मिलता है
मगर हर रोज़ कोई छीन लेता है, झपट लेता है, अंटी से
जबरदस्ती कोई गिरवी रख लेता है ये कह कर
अभी दो चार लम्हे खर्च करने के लिए रख ले
बकाया उम्र के खाते में लिख देते हैं ,
जब होगा हिसाब होगा
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं अपने लिए रख लूँ
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन बस खर्च करने की तमन्ना है !
-गुलज़ार — with Mohit Dholi.
मुझे खर्ची में पूरा एक दिन हर रोज़ मिलता है
मगर हर रोज़ कोई छीन लेता है, झपट लेता है, अंटी से
जबरदस्ती कोई गिरवी रख लेता है ये कह कर
अभी दो चार लम्हे खर्च करने के लिए रख ले
बकाया उम्र के खाते में लिख देते हैं ,
जब होगा हिसाब होगा
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं अपने लिए रख लूँ
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन बस खर्च करने की तमन्ना है !
-गुलज़ार — with Mohit Dholi.
- Get link
- X
- Other Apps
Comments