तुम्हारे लिए.......... सुन रहे हो.................. कहाँ हो तुम.....
रिश्ते बस रिश्ते होते है
कुछ एक पल के
कुछ दो पल के
कुछ परों से हलके होते है
बरसों के तले चलते चलते
भारी भरकम हो जाते है
कुछ भारी भरकम बर्फ के से
बरसों के तले गलते गलते
हलके फुल्के हो जाते है
नाम होते है रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते है
रिश्ता वह अगर मर भी जाए तो
बस नाम से जीना होता है
बस नाम से जीना होता है
रिश्ते बस रिश्ते होते है
-गुलज़ार
मोहित ढोली और अपूर्व दुबे के लिए
रिश्ते बस रिश्ते होते है
कुछ एक पल के
कुछ दो पल के
कुछ परों से हलके होते है
बरसों के तले चलते चलते
भारी भरकम हो जाते है
कुछ भारी भरकम बर्फ के से
बरसों के तले गलते गलते
हलके फुल्के हो जाते है
नाम होते है रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते है
रिश्ता वह अगर मर भी जाए तो
बस नाम से जीना होता है
बस नाम से जीना होता है
रिश्ते बस रिश्ते होते है
-गुलज़ार
मोहित ढोली और अपूर्व दुबे के लिए
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