तुम्हारे लिए................सुन रहे हो...............कहाँ हो तुम........................... ...
एक बार कुएं ने नदी से, नदी से सागर से, सागर ने आसमान से, और आसमान ने
धरती से, और फ़िर धरती ने छोटे- छोटे नालों से, और छोटे-छोटे नालों ने कुएं
से फ़िर फ़िर पूछा कि पानी कहाँ गया ?
तो जवाब मिला- नालों में बह गया, कुएं पी गये, नदियाँ पी गई, समंदर ने उलीच दिया, आसमान निगल गया, धरती ने खाली कर दिया !
बस तब से गायब है पानी जैसे जीवन से गायब है प्रेम और सुकून इन दिनों !!!
एक बार कुएं ने नदी से, नदी से सागर से, सागर ने आसमान से, और आसमान ने धरती से, और फ़िर धरती ने छोटे- छोटे नालों से, और छोटे-छोटे नालों ने कुएं से फ़िर फ़िर पूछा कि पानी कहाँ गया ?
तो जवाब मिला- नालों में बह गया, कुएं पी गये, नदियाँ पी गई, समंदर ने उलीच दिया, आसमान निगल गया, धरती ने खाली कर दिया !
बस तब से गायब है पानी जैसे जीवन से गायब है प्रेम और सुकून इन दिनों !!!
- Get link
- X
- Other Apps
Comments