होरी पड़ा अचेत खेत में धनिया खाए पछाड़ रेत में गोबर भूखा फ़िरे शहर में ऐसी हालत है घर-घर में प्रेमचंद के बाद दूसरा कौन लिखे गोदान...... हिन्दी के विलक्षण विवादास्पद लेखक, जिन पर अभी तक लाखों शोध हो चुके है, भारत और दुनिया में एम ए करके अपने गाईड की जी हुजूरी और चापलूसी से प्रेमचंद पर पी एच डी का अनुपयोगी पोथा लिखकर तलवे चाटकर नोकरी दिलवाने वाले बेचारे साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद को पता नहीं था कि उनका इतना दुरुपयोग होगा . आज ये सब चाटुकार प्रेमचंद के नाम पर अपना परिवार चला रहे है और आज जी भरके अपनी भड़ास निकालेंगे. हे प्रेमचंद आप अनुभवी और जीवन्त हो दुनिया में, हमें माफ कर दो कि हमने आपकी कहानी उपन्यास की परम्परा में कुछ नया गढने के बजाय आपको अपनी रोजी रोटी बना लिया. आज आपको याद करते हुए आपके अथक कार्य और मेधा, समझ और बुद्धिमत्ता को प्रणाम.
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