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Posts of 26 Nov 15







योगेन्द्र यादव को शायद महाराणा प्रताप को लेकर लिखी कविता याद आ गयी होगी इसलिए वे कह रहे है कि बुन्देलखण्ड में लोग घास की रोटी खा रहे है, हाँ गरीबी बहुत है पर लोगों ने उसका रास्ता निकाल लिया है पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, हरपालपुर, महोबा जैसे छोटे शहरों से रोज 10-15 बसे दिल्ली जा रही है और लोग देश के दूरस्थ इलाकों में पलायन पर जा रहे है काम की तलाश में और काम करने. 
रोजगार ग्यारंटी योजना बुरी तरह से फेल हो गयी है खासकरके आदिवासी इलाकों में..बुन्देलखण्ड के गाँवों में जितना मै घूमा हूँ उतना तो योगेन्द्र यादव नहीं घूमे होंगे, हाँ किसी एनजीओ ने अपनी दूकान चलाकर अतिश्योक्ति वाले सर्वे उन्हें दे दिए हो तो बात अलग है..


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आमिर खान और किरण राव के चलते महिलाओं को लेकर जेंडर को लेकर पूर्वाग्रह से रचे बसे अभद्र कमेन्ट जो लोग कर रहे है उनमे से सात-आठ को अभी चलता किया. बदतमीजी की हद है और बहुत ही घटिया तरीके से सन्नी लियोन और किरण राव को लेकर चुटकुले और कमेन्ट कर रहे है. इसमे कुछ बुजुर्ग भी है जिनके मरने में मुश्किल से दो साल भी बचे नहीं होंगे पर गंदा दिमाग और हवस टपकती देखी जा सकती थी, इनके बेटे बहु भी पचास साठ के आसपास होंगे जो यहाँ छोड़कर चले गए ये निकम्मे लोग, और तीन वो लोग थे जो पिछले तीस बरसों से विदेश में बैठे है और हिन्दुस्तान में असहिष्णुता का रोना रो रहे है, कमबख्त देश छोड़कर चले गए और वहाँ रहकर भी छेद कर रहे है और देश की महिलाओं को लेकर अश्लील कमेन्ट कर रहे है.दो तीन यहाँ के मूर्ख है जो स्थानीय महाविद्यालयों में पढ़कर और तीन चार अभ्यास वर्ग में रहकर बुद्धिजीवी बनकर ज्ञान बाँट रहे है.........कमाल है मूर्ख लोगों की मानसिकता पर..........

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वैसे प्रतिभा पाटील का भी रिकॉर्ड था बाहर घूमने का
फिर गुजरातियों का तो मिजाज ही रंगीला है और हर गुजराती चाहता है कि उसके बच्चे बाहर जाकर बस जाए......... इसलिए यह सब स्वाभाविक है
और बाकी सब तो छोडिये मै क्या आप भी दिल से चाहते है कि एक बार तो ससुर अमेरिका होकर आ जाए और इस समय अमेरिका में वहाँ के खांटी देसी लोग कम दुनिया भर के मजदूर से लेकर बुद्धिजीवी काम कर रहे है हमारे अपने आसपास के गली मोहल्ले के छोरे छोरियां काम कर रहे है और आते समय आई फोन के डिब्बे ले आते है और हम लालायित रहते है लपक लेने को...........
किसकी बीबी ने नहीं कहा कि बाहर जाने की इच्छा नहीं है..........जरा एक बार पूछ लो फिर से फिर बोलना ....

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