आपको क्या लगता है कि आंध्रा में सब ठीक है नहीं जी यह तूफ़ान से पहले की शान्ति जैसा है..........यहाँ से अस्सी किलोमीटर तक तेलंगाना है और फ़िर आन्ध्र है, यहाँ आंध्रा के लोग है सभी लोग आंध्रा के है और वे हमें यानी तेलंगाना के लोगों को थर्ड ग्रेड का नागरिक मानते है, हाँ हम लोग एडामेंट और स्टबर्ण है , है तों है, कम पढ़े लिखे है तों है............तों क्या इंसान नहीं है हमारे साथ सदियों से भेदभाव हो रहा है. जबसे आपणे एम पी को छत्तीसगढ़ में बांटा तों क्या छत्तीसगढ़ के लोग खुश नहीं है ? ये तों मीडिया के लोग है जो नक्सलवाद का डर दिखाकर छग को बदनाम कर रहे है, आज छग में सड़क है हर गाँव में सुविधा है नेता लोग अंदर गांवों में पहुँच रहे है, हमें भी तेलंगाना चाहिए हम कब तक बेवक़ूफ़ बनते रहेंगे. बल्कि मुझे तों लगता है कि महाराष्ट्र को भी अब समय आ गया है कि दो तीन हिस्सों में बाँट दिया जाये कब तक मुम्बई राज करती रहेगी, मुम्बई कभी भी विदर्भ को नहीं समझ सकती, हम आदिवासी है तों क्या ये हमारा गुनाह है............अब आपको हकीकत बताता हूँ कि मै भंडारा के एक चर्च में प्रिस्ट हूँ. पर हर जगह भेदभाव है..........मेरे प्रि...
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