आज एक जिला स्तरीय बैठक में बड़ा गजब हुआ है एक जिला पंचायत के सदस्य श्री फागराम जी, जो आदिवासी समाज के है, ने बड़ी दिलेरी के साथ होशंगाबद्द जिले के केसला ब्लाक के तामु रोड पर बनने वाले मिनरल वाटर और शराब फेक्ट्री का विरोध किया जिसकी स्वीकृती राज्य शासन ने ( पत्रांक नवीन विनिर्माण इकाई D-1/शासन FB-1-43/2011/12/5 दिनांक 16/2/2012) दे दी है, उन सदस्य महोदय ने राज्य शासन के दो वरिष्ठ मंत्रियों और जिले के
सभी अधिकारियों के सामने
दिलेरी से कहा कि यह फेक्ट्री अगर खुल गई तो केसला ब्लाक के किसानों को
पानी की दिक्कत हो जायेगी क्योकि फेक्ट्री तो बड़े -बड़े, मोटे- मोटे
ट्यूबवेल बनाएगी और जमीन में घुसकर तीन हजार फूट से भी पानी ले आयेगी, साथ
ही शराब बनाने के लिए लाखो टन अनाज बर्बाद कर देगी, इन सदस्य महोदय ने यह
भी कहा कि केसला ब्लाक में 314 बच्चे गंभीर कुपोषित है, आदिवासियों को खाने
को मिल नहीं रहा ऐसे में सरकार यह शराब की फेक्ट्री डालकर क्या विकास करना
चाहती है और किसका विकास...वे इस बैठक की जमकर तैयारी करके आये थे
उन्होंने आंगवाड़ी, प्राथमिक स्वास्थय केंद्र, पोस्टमार्टम रूम, स्कूल, वन
विभाग के भी बहुत ही जोरदार मुद्दे तथ्यों के साथ इस अंदाज में उठाये कि मन
प्रसन्न हो गया. हालांकि मंत्रीद्वय और प्रशासन के अधिकारियों को उनकी
सारी बातें नागवार गुजर रही थी मुझे ऐसा लगा, पर उनकी बातों में जो दम था
और सारे तर्क इतने अकाट्य प्र ठोस थे कि थे जिले के अधिकारी उनके होम वर्क
पर जवाब नहीं दे पा रहे थे और सिर्फ सतही बातें कर रहे थे. बैठक खत्म होते
ही मै उन श्रीमान जी को खोज रहा था कि उन्हें ग्राम सभा के प्रावधानों के
बारे में बताऊ कि "म प्र पंचायती राज और ग्राम स्वराज अधिनियम" के तहत
राज्य शासन ग्राम सभा से पूछे बगैर किसी भी तरह के काम की स्वीकृती नहीं दे
सकती यदि वह काम ग्राम पंचायत में आता है तो, पर वे मिल नहीं पाए. पर मै
उन्हें खोज कर ही रहूंगा और उनसे मिलकर बहुत कुछ सीखा भी जा सकता है.
अधिकारीगण बैठक के बाद जैसा कि होता है कह रहे थे आजकल ये आदिवासी ज्यादा
बोलने लगे है.....
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