म
प्र में पंचायती राज हाशिए पर चला गया है जिस प्रदेश ने देश के सबसे अच्छे
क़ानून कायदे बनाए वही आज गर्त में है इसे ब्यूरोक्रेसी ने खा लिया है. आज
कुछ मित्रों से बातें हो रही थी वो दूराराज के गावों से आये हुए थे......कह
रहे थे कि जिलों में प्रशासनिक अराजकता इतनी ज्यादा है कि बता नहीं सकते,
लूटपाट मची है जब कुछ साथी पंचायतों के अधिकार और ग्राम सभा के संवेधानिक
हको के बारे में कलेक्टर या सी ई ओ (जो अम
ूमन
आय ए एस होते है) से मिलते है तो वे अपने आप को सर्वोपरि समझते है और
अधिनियम का मखौल उड़ाकर अपने खुद की तानाशाही भरे नियम लादते है. चाहे वो
जमीन के अधिग्रहण का मामला हो या ग्राम सभा के प्रस्तावों पर. बेतुल में
मेरे एक मित्र ने एक कलेक्टर को एक बार बचाया था जब वो वहाँ डिप्टी कलेक्टर
के रूप में पदस्थ थे और कलेक्टर ने एक कंपनी को जमीन बगैर ग्राम सभा के
अनुमोदन के दे दी थी ........आज सीहोर के साथी ने बताया कि उसे एक बार
कलेक्टर ने कहा था कि मै कोई जनता का नौकर नहीं हूँ ना ही यह यह नौकरी मै
सेवा जैसा चुतियापा करने के लिए आया हूँ, मै अपने लिए कलेक्टर बना हूँ और
मेरे से ज्यादा पंगे मत लेना वरना...........ठीक नहीं होगा.......अगर यही
हाल रहा तो स्थितियां और बिगड सकती है और जन का अपनी आख़िरी उम्मीद यानी
पंचायती राज पर से भी विश्वास उठ जाएगा.
सामाजिक
अंकेक्षण पंचायतों में एक जरूरी प्रक्रिया है और मनरेगा में कानूनी रूप से
इसे साल में दो बार विशेष ग्राम सभा करके करना पडता है पर आज साथियों ने
बताया कि म् प्र में पिछले पांच सालों से सामाजिक अंकेक्षण सही मायनों में
हो ही नहीं रहा बस कुछ लोंग ठेके पर कर कुरा के दे देते है और हो जाता है
जबकि अगर इन पांच सालों में देखे तो अरबों र्रूपया पंचायतें डकार चुकी है
म् प्र में ही और ना तो स्थितियां बदल
ी है
ना स्थाई परिसंपत्तियां बनी है ना ही ऐसे कोई आधारभूत ढाँचे बने है जो लंबे
समय तक टिकाऊ और उपयोगी हो और इस सबका मूल कारण है पंचायती राज की अवहेलना
और लगातार इसे हाशिए पर धकेलना, जन प्रतिनिधि आज भी पटवारी से लेकर नायब
तहसीलदार, तहसीलदार, सी ई ओ, कलेक्टर और दीगर सरकारी "नौकरों " के सामने
खड़े रहते है यह ठीक ऐसा हे है जैसे एक किसान अपने हाली से कहे कि महाराज
अगर समय हो तो हल जोत दे या गुडाई निंदाई कर दे.......अपने हकों और अपने
कामों को करवाने के लिए ये छोटे छोटे कर्मचारियों की चिरौरी करते रहते है
और हम सब कहते है कि जय जय पंच परमेश्वर.............
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