दिल में.-रंजिश ही सही
दिल्लगी तो रही
दिल दुखेगा तुम्हारे बिन
दुखते दिल की खातिर आना फिर
ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
मालूम है,तुम मरकर भी हमें चाहोगे
पर क्या मरना जरुरी था हमें चाहने के लिए?
अच्छा, चाहो न चाहो,पर फिर आ जाओ
अबके बिछड़े शायद हम न मिलें
सूखे गुलाब अब किताबों में नहीं मिलते
नींद नहीं तो ख्वाब भी कहाँ
पर तुम जो इक गुलाब थे हमेशा
अब ख्वाब बनकर बसना
दिल्लगी तो रही
दिल दुखेगा तुम्हारे बिन
दुखते दिल की खातिर आना फिर
ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
मालूम है,तुम मरकर भी हमें चाहोगे
पर क्या मरना जरुरी था हमें चाहने के लिए?
अच्छा, चाहो न चाहो,पर फिर आ जाओ
अबके बिछड़े शायद हम न मिलें
सूखे गुलाब अब किताबों में नहीं मिलते
नींद नहीं तो ख्वाब भी कहाँ
पर तुम जो इक गुलाब थे हमेशा
अब ख्वाब बनकर बसना
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