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Kuchh Rang Pyar Ke - Posts from 10 to 12 May 2022

Everyone we meet is fighting a battle in their own life. Be patient, be polite, be sensitive and love everyone

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हम सब अपनी - अपनी जिंदगी में लम्बा संघर्ष कर रहें है और जिससे भी हम मिलते हैं वह भी अपने जीवन का योद्धा है - जो हर स्तर पर लड़ रहा है, जूझ रहा है और अपनी अस्मिता बचाने की जुगत में है
इसलिए जब भी किसी से मिलें तो धैर्य रखें, विनम्र बनें रहें, संवेदनशील रहें और सबके साथ प्यार से पेश आये
होगा कुछ नही बस आपमे थोड़ी सी मनुष्यता और शेष रहेगी और आप थोड़े से प्यारे और हो जायेंगे
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सुप्रीम कोर्ट - आय लभ यू
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■ राजद्रोह पर नही होंगे नए मुकदमे दर्ज, 124 - ए के तहत
■ पुनर्विचार तक नए मामले नही होंगे दर्ज
■ इस धारा में आरोपित और जेलों में बन्द लोग आ सकते है कोर्ट जमानत के लिए
■ यदि पुलिस इस धारा में नई रिपोर्ट दर्ज करें तो लोग कोर्ट जा सकते है
■ अंग्रेजों के बनाये काले कानून और निर्णय पर बड़ा फैसला, केंद्र सरकार को आघात, 2014 के बाद भाजपा शासित राज्यो ने किया था जमकर दुरूपयोग और 290 को जेल में बन्द किया, अभी तक 800 लोगों के ख़िलाफ़ हुआ है इस्तेमाल
■ जस्टिस रमन्ना के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाई; पुनर्विचार तक नए मामले दर्ज नहीं हो सकेंगे

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हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

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