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Drisht Kavi, Khari Khari and Kuchh Rang Pyar ke - Posts of 13 May 2022

कोरोना काल में
ओमीक्रोन से ग्रसित स्त्री का चेहरा
रेमडेसीवीर के इंजेक्शन की सुई जैसा दिखाई देता है
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नई वाली हिंदी का
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हिंदी की वरिष्ठ कवयित्री अनामिका को जब साहित्य अकादमी का बड़ा पुरस्कार मिला तो उनके बेटों ने हिंदी के युवा कवियों के लिए कोई एक या दो या पांच या दस लाख रुपयों के पुरस्कार की घोषणा की जिसकी शर्त यह थी कि वे कई प्रक्रियाओं के बाद कवि का चयन करेंगे
पहले राउंड में युवा कवियों से कुछ कविताएं मंगवाई, उसके बाद इन कवियों की ज़ूम मीटिंग हुई जिसमें इनका साक्षात्कार लिया गया और फिर बाद में सुना कि इन सब चयनित कवियों को यह टास्क दिया गया कि वे लगातार छह महीने तक सोशल मीडिया पर कविताएं लिखेंगे और जिसके ज्यादा लाइक और कमेंट होंगे - उसे वह पुरस्कार दिया जाएगा पर बाद में इस विचार को खारिज कर दिया गया था तुरन्त
बढ़िया बात है यह तो, पर अब हुआ यह है कि ये सब युवा कवि एक दिन में 20 से 30 कविताएं लिख रहे हैं, और सोशल मीडिया पर पेलकर खेल रहे हैं, कविता क्षतिग्रस्त है मरणासन्न आईसीयू में है - इंस्टाग्राम हो, फेसबुक हो या ट्विटर हो कहीं पर भी गए पेलना छोड़ते नहीं है, और उम्मीद करते है कि लाइक कमेंट्स की बौछार हो जाये
अब लाज शर्म में एकाध बार तो लाइक चटकाना पड़ता है या एकाध हफ्ते में दो लाईन तो स्लोगन नुमा ढंग की कविता टाईप लिखी ही जा सकती है कम से कम - क्या कहते है "करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान" , जैसे - " उसकी फेसबुक वॉल को देखना आत्मा को देखने जैसा है" या "कोरोना काल में ओमीक्रोन से ग्रसित स्त्री का चेहरा रेमडेसीवीर इंजेक्शन की सुई जैसा दिखाई देता है" आदि आदि
मुझे कुछ लेना देना नहीं है - मुझे तो एक विज्ञापन याद आ रहा है जो आजकल हर चैनल पर पापुलर है कि - "ये है समाज का कॉन्स्टिपेशन...." बस बात इतनी ही है ...
[ इस चूहा दौड़ में शामिल तीन कवियों से बातचीत के आधार पर ]
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Everyone we meet is fighting a battle in their own life. Be patient, be polite, be sensitive and love everyone
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हम सब अपनी - अपनी जिंदगी में लम्बा संघर्ष कर रहें है और जिससे भी हम मिलते हैं वह भी अपने जीवन का योद्धा है - जो हर स्तर पर लड़ रहा है, जूझ रहा है और अपनी अस्मिता बचाने की जुगत में है
इसलिए जब भी किसी से मिलें तो धैर्य रखें, विनम्र बनें रहें, संवेदनशील रहें और सबके साथ प्यार से पेश आये
होगा कुछ नही बस आपमे थोड़ी सी मनुष्यता और शेष रहेगी और आप थोड़े से प्यारे और हो जायेंगे

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