|| दुनिया के फेसबुक लेखकों को एक हो जाओ ||
अपुन लोग्स फिरी में ससुरे जुकेरवा कूँ कंटेंट देता है, भक्तों से लड़ाई करके वकिल्स और पुलिस को रोज़गार, साहित्य से जुड़े फोकटिये सम्पादकों को काम, निठल्ले प्रकाशकों को आजीविका और मीडिया को सुरसुरी वाला मसाला, साला कवियों और कवयित्रियों को फोकट में झेलो - मल्लब क्या क्या ना सहें हमने सितम इस लाईक - कमेंट की खातिर
और अपुन को मिलता क्या है - बाबाजी का ठुल्लू
तो बोलो मजदूर दिवस ज़िंदाबाद
1 मई ज़िंदाबाद
दुनिया के फेसबुकियों - एक हो जाओ
[नया वाला संगठित और नेट दीक्षित मजदूर]
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DrGarima Sanjay Dubey बहन ने बड़ी मार्के की बात कही आज "हर आदमी एक चलता - फिरता ब्लड बैंक है और यदि आपका खून किसी जरूरतमंद के शरीर में नही दौड़ रहा हैं तो आपका खून किसी काम का नही है", Sapna Shiwale Solanki जी ने भी यह प्रतिपादित किया कि "सच्ची ख़ुशी जरूरतमंद को खून देकर ही प्राप्त की जा सकती है क्योंकि खुशियाँ बाज़ार में नही मिल सकती, आप अमेज़ॉन या स्विगी से सब आर्डर कर सकते है पर खुशियाँ नही"
मित्रों, ये बीज वक्तव्य थे - परन्तु बहुत वृहद अर्थ और सार्थकता लिये हुए थे, आज और शेष बचे जीवन की बड़ी सीख है मेरे लिए
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