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Kuchh Rang Pyar Ke - Post of 8 May 2022

 "Good Fences Make Good Neighbors"

"Mending Wall" by E M Forster

हम लोग 1970 से पड़ोसी रहें
पहले हमारे माँ - बाप संग साथ रहें, जो सुख दुख आपस में बांट लेते थे, सब्जी और दही का जमावन मांग लेते बेशर्मी से या अपने रिश्तेदारों से ज्यादा सगापन भी होता था उनमें, देर रात तक ओटले पर गप्पे होती, निजता जैसा कुछ था ही नही, सब पंचायती होता था जमाई ढूंढना हो या दस्त का इलाज
फिर हमारी पीढ़ी जो हाल चाल पूछ लेती थी, कभी सायकिल मांग ली, कभी अस्पताल ले जाने के लिए मदद या बाहर जाते समय घर की चाभी सौंपकर चले गए शादी ब्याह में
और अब तीसरी पीढ़ी जो संग- साथ पढ़ी लिखी और बड़ी हुई और नौकरी के लिए बड़े शहरों में चली गई खूब महंगी पढ़ाई करके और ये पीढ़ी अब वायवीय रूप से जुड़ी है आपस में
पर अब सम्बन्ध नही रहें - पड़ोसी कब आते है दिल्ली - मुम्बई - बेंगलोर - पूना या अमेरिका से और कब चले जाते हैं, मालूम नही पड़ता, हम भी नही बताते कि दो माह के लिए जर्मनी जा रहें या गुड़गांव , बेटे को बिटिया हुई या नई कार खरीदी हमने मुम्बई में या फ्लैट बुक करके शिफ्ट हो गए मुम्बई में - अपनी कार में सन्न से निकल जाते है
हम दोनों में अहंकार आ गया है, पसन्द नही करते मुंह देखना भी उसी पड़ोसी का - जो बहन की शादी में घण्टों परोसदारी कर रहा था, सुबह से मंडी चला गया था सब्जी लाने थोक में, या पिताजी को अटैक आया था तो ऑटो में डालकर ले गया था और डेढ़ हज़ार खर्च कर दिए थे और महीनों मांगे तक नही कभी
कारण पता किया तो दुख हुआ कि हमारे बच्चों के फ्लैट की क़ीमत, उनके पैकेज, उनकी फ़्लाइट यात्राएं और उनके कपड़े - लत्ते थे, जो सारी बीमारी की जड़ थे - जबकि हमारे माँ बाप को या हमें अपने पड़ोसियों के पैकेज कभी मालूम ही नही थे - बस यह पता था कि वो नर्स है, पटवारी है, फेक्ट्री में है , किराने की दुकान है या आटा चक्की या सब्जी मंडी में मुनीम है किसी बनिये के पास
समय - समय का फेर है , हमें सायकिल मांगने में शर्म नही आती थी या एक कटोरी शक़्कर जबकि आज बच्चों को "बिजली है आपके घर" पूछने में ग्लानि महसूस होती है
हमारे बच्चें बाहर है मदद की ज़रूरत हमें ही पड़ेगी पर हम दोनो ही दर्प में चूर है अपने अपने एसी चलाकर जोमैटो से खाना मंगवाते है, अमेज़ॉन के डिलीवरी बॉय को जोर से डांटते है कि पड़ोसी सुन लें कि रोज रोज सामान आ रहा , हमने क्रॉकरी मांगना और फोल्डिंग कुर्सी मांगना बन्द कर दिया है , हमारे कुत्ते भी उनके कुत्ते को देखकर भौंकते है बुरी तरह से

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