बीसवी सदी की महत्वपूर्ण कवयित्री जिन्हें साहित्य के लिए १९९६ का नोबेल पुरस्कार मिला.
........................
श्रद्धांजलि और नमन
........................
"किसी ने पूछा था मुझसे पत्र में
हमने कैसे जीना चाहिए
यही पूछना चाहती थी मैं भी उससे
हमेशा की तरह
आज भी
सबसे भोले सवाल हैं
सबसे जरूरी सवाल."
............... विस्लाव शिम्बोर्स्का (2 July 1923-1 February 2012)
.
.
"ज्यादातर लोग रोजी रोटी के लिए काम करते हैं. वे काम करते हैं क्योंकि उन्हें करना पड़ता है. वे अपने काम का चुनाव नहीं करते, जिदगी के हालात ऐसे हैं.प्रेमविहीन कार्य, उबाने वाला कार्य जिसका महत्व सिर्फ इतना है कि दूसरों के पास वह भी नहीं. यह दुनिया की एक भीषण विभीषिका है. और आगामी सदिओं में इसके बदलाव के आसार नज़र नही आते' यही कारण है कि अन्तःप्रेरणा पर कविओं कलाकारों के एकाधिकार से इंकार करते हुए भी मैं उन्हें नियति के प्रिय पत्रों में मानती हूँ."...
.विस्लाव शिम्बोर्स्का
(साहित्य के लिए १९९६ का नोबेल पुरस्कार के अभिभाषण का एक अंश )
.........
.....
ओ वाणी खफा न होना
कि मैंने तुझसे उधार लिए
चट्टानों से भारी शब्द
फिर जिंदगी भर उन्हें तराशती रही
इस कोशिश में
कि वे परों से हल्के लगें
........ शिंबोर्स्का
........................
श्रद्धांजलि और नमन
........................
"किसी ने पूछा था मुझसे पत्र में
हमने कैसे जीना चाहिए
यही पूछना चाहती थी मैं भी उससे
हमेशा की तरह
आज भी
सबसे भोले सवाल हैं
सबसे जरूरी सवाल."
............... विस्लाव शिम्बोर्स्का (2 July 1923-1 February 2012)
.
.
"ज्यादातर लोग रोजी रोटी के लिए काम करते हैं. वे काम करते हैं क्योंकि उन्हें करना पड़ता है. वे अपने काम का चुनाव नहीं करते, जिदगी के हालात ऐसे हैं.प्रेमविहीन कार्य, उबाने वाला कार्य जिसका महत्व सिर्फ इतना है कि दूसरों के पास वह भी नहीं. यह दुनिया की एक भीषण विभीषिका है. और आगामी सदिओं में इसके बदलाव के आसार नज़र नही आते' यही कारण है कि अन्तःप्रेरणा पर कविओं कलाकारों के एकाधिकार से इंकार करते हुए भी मैं उन्हें नियति के प्रिय पत्रों में मानती हूँ."...
.विस्लाव शिम्बोर्स्का
(साहित्य के लिए १९९६ का नोबेल पुरस्कार के अभिभाषण का एक अंश )
.........
.....
ओ वाणी खफा न होना
कि मैंने तुझसे उधार लिए
चट्टानों से भारी शब्द
फिर जिंदगी भर उन्हें तराशती रही
इस कोशिश में
कि वे परों से हल्के लगें
........ शिंबोर्स्का
- Get link
- X
- Other Apps
Comments