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खलील जिब्रान - प्रेम उसी तरह सूली पर भी चढ़ाएगा

जब प्रेम तुम्हें अपनी ओर बुलाए तो उसका अनुगमन करो हालांकि उसकी राहें विकट और विषम हैं ! जब उसके पंख तुम्हें ढंक लेना चाहें तो आत्मसमर्पण कर दो, भले ही उन पंखों के नीचे छिपी हुयी तलवार तुम्हें घायल कर दे.. और जब प्रेम तुमसे बोले तो उस पर भरोसा करो ,भले ही उसकी आवाज़ तुम्हारे स्वप्नों को चकनाचूर कर डाले..क्योंकि प्रेम जिस तरह तुम्हें मुकुट पहनाएगा,उसी तरह सूली पर भी चढ़ाएगा .............. -- खलील जिब्रान

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