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Khari Khari , Siddhartha's note , Catch hold on MLA, MPs and all. Posts of 1 and 2 May 2021

 हिम्मत है

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मित्रों, सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता यह पता करें कि सांसद अपने इलाके / क्षेत्र के अंतिम उपस्वास्थ्य केंद्र पर, सामुदायिक और जिला स्तर पर पिछले मार्च से आज तक कितनी बार गए है
जिले के विधायक भी कितनी बार गए है और सिवाय अपनी निकम्मी औलादों और गुंडों को उत्पात मचाने, हत्या के मामलों से बचाने के लिए फर्जीवाड़े करके कितने दिनों तक भर्ती कर बीमार दिखाकर अदालत से निर्दोष साबित करवाने के अलावा वास्तविक समस्या को हल करने का प्रयास किया है
नगरीय क्षेत्रों में पार्षद / महापौर कितनी बार विजिट पर गए अस्पताल में - सिवाय गुंडागर्दी, तोड़फोड़ करने और डॉक्टरों को पीटने के या हफ़्ता वसूली के
कलेक्टर्स / सीईओ - जिला पंचायत / एसडीएम के विजिट्स की भी जानकारी लें कि बड़ा अनुदान आने के बाद अपना हिस्सा वसूलने के, पसंद के वेंडर को लाभ दिलवाने, किसी डाक्टर की जाँच करने के अलावा कितनी बार अस्पताल गए है, जिलों के ब्लॉक्स में भ्रमण के दौरान ये उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कितना गए है या स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाकर कभी तमीज़ से बात भी की हो
सीएमएचओ / सिविल सर्जन से पूछे कि जिले के निजी अस्पतालों में रिन्यूवल के समय दलाली लेने के अलावा कितनी बार जाकर वास्तविक निरीक्षण किया है और जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों पर गए है - क्या जिले के सामुदायिक केंद्र कभी देख भी पाए है, बल्कि जिला अस्पताल के सभी विभागों में झांक भी पाए है कि मकड़ी के जाले ही निकल पाए वार्डस या सोनोग्राफी कक्षों में
हर सोमवार को होने वाली टाईम लाईन उर्फ टीएल मीटिंग में सीएमएचओ / सिविल सर्जन को ज़लील करने के अलावा कितनी गम्भीरता से स्वास्थ्य के मुद्दे उठाते या रिसॉल्व करते है जिला कलेक्टर्स
इन जनप्रतिनिधियों का सामान्य स्वास्थ्य सुरक्षा और प्रबंधन का ज्ञान कितना है - सिर्फ अपने क्षेत्र में होने वाले टीकाकरण के दिन, प्रसव सुविधा, कम से कम 5 आशा कार्यकर्ताओं के नाम, 2 एएनएम के नाम या 108 के किसी ड्राइवर का मोबाइल सेव है इनके मोबाइल में या नही - जैसे बेसिक पैरामीटर से जाँच लीजिये कि आपका जन प्रतिनिधि लायक है विशुद्ध नालायक, एक बार एक टीएल मीटिंग में एक सीएमएचओ साहब ने युवा कलेक्टर से अम्बू बैग्स मांगे तो कलेक्टर ने उपसंचालक, कृषि को "500 खाद के बड़े और मजबूत बैग्स देने को आदेशित कर दिया था "
हम सब जागरूक है पर कभी अस्पताल नही जाते और देखते या पूछते है और अब 75 साल बाद छाती पीटकर क्रंदन कर रहें और विधवा विलाप कर रहें है - जाहिर है यह सब हम डिजर्व करते ही है
पर अभी भी समय नही गुजरा है - खींचकर निकालिए विधायक, सांसद, महापौर को उनके एसी कमरों से, एक स्ट्रेचर पर उठाकर ले जाइए सरकारी अस्पताल में और फिर प्रशासन को बुलाकर पोस्ट मार्टम कीजिये सुविधाओं का, बड़े बाबू, डीपीएम, डीसीएम, एकाउंट्स ऑफिसर को बुलाकर सालाना बजट पूछिये, खर्चों का आवंटन एवं हिसाब माँगिये और बिल वाउचर देखिये - वही के वही हिसाब कीजिये सूचना के अधिकार में ये सब गिरगिट आपको निगल जाएंगे - सबसे भ्रष्ट डीपीएम और डीसीएम है जो आशा के चयन में भी ग्रामीण महिलाओं से रुपया वसूल लेते है, कई डीपीएम को जानता हूँ जो करोड़ो के आसामी है और अकूत सम्पत्ति के मालिक
यदि आप लोग यह नही कर सकते तो अश्लील भाषा में बोलूं तो "रंडी रोना" बन्द कीजिये - मोदी नामक जिन्न आपकी ही नाजायज़ पैदाईश है
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An important suggestion cum remedy by our Family Hero
Siddharth Naik
. In fact much needed to follow.
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Today many of us, either ourselves or our close ones have been affected by Covid. By grace of God most of us have survived and recovered but I think the problem now arising is these survivors are starting to think that they are super beings if they have survived and themselves can advice and treat others.
This is a disease and like any other disease needs proper treatment. Not necessarily the medicines that you take will suit others too, also not necessary your and other's body would react same.
So, please a kind request do not give free advice and also if asked refer them to a doctor (can be the one whom you consulted). If you really want to help; help them with motivation and positivity, help them on arranging hospital/ ambulance/ oxygen/ plasma.
Help financially if you are capable and the other is not. Help to provide support to quarantine families.
Let us do what we can do the best and doctors do what they do best
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जीवन संगीत म्हणजे क़ाय समझायचं असेल तर नक्की बघा
"The Disciple" on Netflix
खूप वर्ष आधी स्व वसुंधरा ताई बरोबर केलेली गप्पा गोष्ठी आठोली जेव्हा ख्यात तत्व ज्ञानी स्व गुणाकर मुळे यानां सहपत्निक स्व कुमार गन्धर्वांचे [ म्हणजे आमचे बाबा ] घर दाखवायाला गेलो होतो, दुपार ची वेळ होती, आणि वसुंधरा ताई नी बऱ्याच गोष्ठी सांगितल्या , त्यातून महत्वाची गोष्ठ ही पण होती, आज हे चित्रपट बघताना ते सर्व आठोल
आदित्य मोडक, अरुण द्रविड़, सुमित्रा भावे चे उत्कृष्ट अभिनय आणि चैतन्य ताम्हणे चे दिग्दर्शन प्रभावी आहेत
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