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जनसत्ता 4 जून 15 में आज घरेलू काम करने वाली महिलाओं की स्थिति पर एक नजर
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अबकी बार बेशर्मों की सरकार आई है मप्र में . व्यापम जैसे घोटाले में डूबी सरकार के आला अधिकारियों से लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री की पत्नी और उनके चहेते अधिकारी , ठेकेदार और भी कई लोग शामिल है. दुखद यह है कि इस काण्ड में सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है परन्तु बेशर्मों की पेशानी पर कोई बल नहीं . सिर्फ यही नहीं प्रदेश में खनिज घोटाले भी बहुत हो रहे है, रोज़ माफिया अधिकारियों पर हमले करते है वे यह भी नहीं देखते कि अधिकारी महिला है या पुरुष. शिवराज मामा जाते - जाते हजार पीढी का रुपया लेकर जाना चाहते है, आज नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपने विभाग के सचिव विवेक अग्रवाल को मुख्यमंत्री के यहाँ विभाग की जासूसी करने के बजाय काम करने की सलाह दे डाली, कितना घृणित है विवेक अग्रवाल जैसे एक ब्यूरोक्रेट का एक मुख्यमंत्री का निजी आदमी बन जाना.....!!!! यानी कुल मिलाकर बारह सालों में मामा जी ने जितना कमाना खाना था और प्रदेश का नुकसान करना था, कर लिया अब विदाई तय है.
देश और दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड ईमानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शकुनी अमित शाह और संघ के पितृ पुरुष मोहन भागवत अब भी इस बी बी सी की रिपोर्ट का भी कोई संज्ञान नहीं लेते है तो इससे बड़ी शर्म की बात और कोई नहीं होगी और इसका सीधा अर्थ यह है कि वे खुद भी शिवराज जी के साथ और उनकी पुरी भाजपा, संघ और मंत्री मंडल के निकटतम सहयोगी है और उनकी मौन स्वीकृति है इस "सद्कार्य" में .
जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रदेश के कुपोषित बच्चों की फ़िक्र नहीं, जो एक समुदाय विशेष के लोगों और साधू संतों के दबाव में पोषण और कुपोषण के बड़े फैसले लेता हो, जिसे अध्ययन और वैज्ञानिक सोच से परहेज हो, जो गले गले तक डूबा हो भ्रष्ट आचरण और बदनामी में, उसे पवित्र संविधानिक पद पर बने रहने का क्या अधिकार है?
बहरहाल, यह बी बी सी की प्रामाणिक रिपोर्ट अगर गलत है तो प्रदेश सरकार वाया सुषमा स्वराज के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अदालत में बी बी सी पर मानहानि का मुकदमा दायर करके सच्चाई सामने लाये या फिर राज्यपाल और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे या सीधे - सादे नरेंद्र मोदी जो कहते थे मै देश नहीं झुकने दूंगा या भ्रष्टाचार ख़त्म करके ही दम लूंगा कोई कडा निर्णय लें.
हद यह है कि नेता, शासन और प्रशासन मिलकर प्रदेश को चुना लगा रहे है और प्रदेश के नपुंसक लोग और जिम्मेदार लोग कुछ नहीं कर रहे , दलाल मीडिया और लचर क़ानून व्यवस्था में सब जायज है यही सिद्ध होता है शायद.........है कोई जो इन लोगों के खिलाफ सड़क पर आन्दोलन करें, कांग्रेस तो अब अपना नुक्ता घाटा कर ही चुकी है और बाकी कामरेड लोग, समाजवादी और बसपा के लोग ठेकेदारी से रुपया कमा रहे है. तो बचे कौन गरीब गुर्गे जो किसी तरह से जिन्दगी बचा कर जीने का उपक्रम कर रहे है.
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2015/06/150602_mp_vyapam_scam_rd
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