और लम्बी थकान, खंडवा यात्रा और बरसते मौसम, खुशनुमा काव्य संध्या का समापन हुआ हमारे युवा मित्र साथी Kushal Shrivas की शादी की खुशनुमा पार्टी से . मैंने कहा भाई मालवे में कहते है कि जो बन्दा या बंदी अपनी शादी में काम करता है उसके ब्याह में पानी गिरता है तेजी से तो काम क्यों किया हम लोग काहे थे यहाँ बुलवा लेते, बोला अचानक सब तय हुआ और हो गयी शादी. बहरहाल, गूंजन से मिलकर भी अच्छा लगा. बहुत सारी शुभकामनाएं और दुआएं..........कुशल और गूंजन के लिए.
सुबह से फील्ड में था, दोपहर खंडवा आया, सामान पैक किया, बस में लम्बी यात्रा, थकान, फिर आते ही कुमार जी के घर काव्य गोष्ठी, फिर कुशल की पार्टी और आकर सब कुछ दर्ज करना ताकि सनद रहें............सच में लगता है कि अभी बहुत दम है और इंसान चाहे तो सब कर सकता है और सहेज सकता है बशर्ते योजना हो, और समय की प्रतिबद्धता..........बस बाकी तो सब हो जाता है.
"व्यस्त समय और ढेर सारे काम"
कल से ग्वालियर 18 तक, फिर "उजास - हमारे समय में कविता" इलाहाबाद में कविता पाठ हेतु तीन दिन, फिर 23 से 30 तक शिवपुरी.........फिर पन्ना, बालाघाट और झाबुआ फिर रायपुर, दुर्ग और ना जाने कहाँ कहाँ...........सामान सौ बरस का और पल की खबर नहीं की तर्ज पर टिकिट दो महीने के और तन की खबर नहीं..........खैर अभी तो चलेगा यह शरीर.........नौकरी ना करके अच्छा हो रहा है, रोज का दिन एक उत्सव की तरह से बीतता है दोस्तों के साथ, अपनी पसंद के काम के साथ और दुनिया को नापते हुए कि चलते चलते कुछ सीख लूं पता नहीं कल हो ना हो..............!!!! लगता है कि इस जीवन में दुनिया को नापते और गली कूचों से गुजरते हुए एक उम्र बीत जा ही रही है बस धीरे धीरे एक अनंतिम यात्रा की तैयारी हो रही है...........
"व्यस्त समय और ढेर सारे काम"
कल से ग्वालियर 18 तक, फिर "उजास - हमारे समय में कविता" इलाहाबाद में कविता पाठ हेतु तीन दिन, फिर 23 से 30 तक शिवपुरी.........फिर पन्ना, बालाघाट और झाबुआ फिर रायपुर, दुर्ग और ना जाने कहाँ कहाँ...........सामान सौ बरस का और पल की खबर नहीं की तर्ज पर टिकिट दो महीने के और तन की खबर नहीं..........खैर अभी तो चलेगा यह शरीर.........नौकरी ना करके अच्छा हो रहा है, रोज का दिन एक उत्सव की तरह से बीतता है दोस्तों के साथ, अपनी पसंद के काम के साथ और दुनिया को नापते हुए कि चलते चलते कुछ सीख लूं पता नहीं कल हो ना हो..............!!!! लगता है कि इस जीवन में दुनिया को नापते और गली कूचों से गुजरते हुए एक उम्र बीत जा ही रही है बस धीरे धीरे एक अनंतिम यात्रा की तैयारी हो रही है...........
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