सिर्फ एकल महिला ही नहीं एकल पुरुष भी समाज में पापी है और दुखी है. एकल पुरुष घातक, कामुक,
हमलावर, कुदृष्टिवाला , कमीना, ऐयाश, अपनी सारी कमाई शराब और जुएं में खर्च करने वाला और कुछ भी नहीं बचाने वाला होता है, इसे घर ना बुलाओ तो बेहतर है वरना घर के लोग सुरक्षित नहीं है.......ससुरा जब भी मोहल्ले में निकलता है और इधर उधर जाता है तो नीची नजर रखकर नहीं चलता एकदम कमीनों टाईप हरकतें करता है और फिर बस ....
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