"ठिगना आदमी"
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इतिहास सिखाता है
एक ठिगना आदमी
बहुत खतरनाक होता है
नेपोलियन से लेकर तमाम तरह
लोगों से किताबें भरी पडी है
मैंने भी कई बार ठिगने लोगों को
ठगते हुए देखा और विचलित हुआ
मसलन वह आदमी जो मुझे
एक पालिसी थमाकर चला गया
मै जीवन भर प्रीमियम और वह
कमीशन खाता रहा
एक आदमी जो मेरे जूते चोरी कर गया
रेल में ठीक मेरी बर्थ के नीचे से
और उतर गया किसी स्टेशन पर
और नंगे पाँव लेकर मै लौटा घर बाजार
में नजरें छुपाता अपने ही लोगों में
एक आदमी जो बरगलाता रहा उम्र भर
और मै झांसे में जीवन को किसी
प्रयोग की तरह चलाता रहा अंत में
हार गया और इस तरह ख़त्म हुआ मै
कि आईना देखने की हिम्मत नहीं रही
एक आदमी जो जीवन भर
मेरे वोट से देश चलाने की बात करके
अपने वजूद को पुख्ता करता रहा और
देश को इतना खोखला कि अब इसे
देश कहने में भी शर्म आती है
एक ठिगना आदमी आदमी नहीं
बौनी सोच का बौना व्यक्तित्व होता है
अपने को किसी ऊँचे आदमी के बरक्स
वह ठिगनी दूरी से बौना बना देता है
दुनिया को और फिर लूट लेता है
कभी बैठा था एक ठिगने आदमी के पास
सूना था उसे कि किस तरह से उंचाईयों ने
उसे हर दम गिराया और सर उंचा रखने में
गर्दन झुक गयी उसकी हमेशा के लिए
और वह इस तरह ख़त्म हुआ आहिस्ता से
दर्द तो उसे बहुत था कि टेलर से लेकर
दुनिया के हर आदमी ने हंसी उडाई उसकी
सर्कस के तम्बू में भी उसे पनाह नहीं मिली
शादी ब्याह और उसकी भावनाओं को
मीडिया ने भी परोसा सबके सामने
माँ बाप से लेकर पत्नी तक कोसती रही
हर बार बच्चे हुए तो राह तकता रहा
उनके जवान होने की कि कही ठिगने ना रह जाए
हर नजर ने उन्हें ताका झांका और फिर
सहानुभूति से नवाजा पूछने की हिम्मत नहीं की
एक ठिगना आदमी हिस्सा जरुर रहा
हर बदलाव और क्रान्ति के हर सफ़र में
वह बराबरी से अपने मजबूत किन्तु छोटे
कन्धों के साथ बराबर लड़ा हर लड़ाई
पर उसे कही दर्ज नहीं किया गया
एक ठिगना देश का राष्ट्रपति भी था
जो नैतिकता का पाठ पढ़ा गया कि
आज तक उसके उदाहरण नसीहत देने के
पर्याय है और सभी लोग कांपते है
ऐसे ही ठिगने लोगों के कई किस्से है
ठिगना आदमी सिर्फ ठिगना नहीं है
वह एक मुकम्मल शख्सियत है
अपने आसपास वह बेहद जरुरी है
ठीक आपकी, उसकी और मेरी तरह
ठिगना आदमी नहीं आपकी सोच है.
- 24 मार्च 2015
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