"अम्बर का गरुड़"
हिंदी के विलक्षण युवा कवि मेरे सबसे प्रिय और लाड़ले अम्बर पांडेय Ammber Pandey की नई लम्बी कविता गरुड़ पढ़ी - समझी जाना चाहिये, भले मुश्किल लगें पर जितनी बार आप पढ़ेंगे - जितना पाठ करेंगे, उतने संवेदना के स्तर पर आप पहुंचेंगे, यहाँ गरुड़ मात्र प्रतीक है पर इस बहाने जो जन्म, मृत्यु और पूरे जीवन संघर्ष का एक वृहत्तर व्योम वे रचते है - वह हमें अपने आप में भी झांकने का और स्व मूल्यांकन का मौका देता है - यहां गरुड़ के बहाने प्रश्न पूछने, अस्तित्व को समझने, अपने कर्म और अंत में एक कबीराना अंदाज़ है
भाषा, शिल्प सन्दर्भ और प्रसंगों के बरक्स यह उतनी ही दुरूह और क्लिष्ट है - जितनी इलियट की "द वेस्ट लैंड" और मुझे नही लगता कि वर्तमान में हिंदी के फलक पर कोई कद्दावर है जो इसे ठीक - ठीक समझ पाये , अपने भाई शशांक की स्मृति में लिखी यह कविता हिंदी में एक नई बहस पैदा करेगी और निश्चित ही इससे एक दिशा भी निकलेगी, अम्बर और स्व शशांक से मेरा परिचय दशकों पुराना है, शशांक का गुजर जाना एक हादसा ही है और अम्बर ने शशांक की स्मृति में जो शोकगीत लिखें है - 36 तक तो मैने पढ़ें है - उन्हें पढ़कर एक झुरझुरी उठती है और उसी क्रम में यह कविता एक मुकाम तक आपको लाती है
यह कविता मेरी नजर में पिछले पचास वर्षों में लिखी गई अपने आपमे एक अनूठी रचना है, और सुझाव है कि अम्बर को इसके बारे में पैराग्राफ वाइज़ नोट्स लिखना चाहिये ताकि मेरे जैसे मूढ़मति पाठको को वो सब जानने सीखने को मिलें जो ना मात्र पुराणों में है सन्दर्भों में है बल्कि जो इस सबसे जोड़ते हुए जीवन, साथ और मृत्यु तथा मृत्यु के बाद उपजे वियोग को भुगतने की अंतर्दृष्टि विकसित हो सकें, अंत मे इस पर एक किताब भी आये तो हिंदी का भला होगा, लम्बी, घटिया, कचरा कविताओं को छपते देखा है और खरीदा भी है इससे तो बेहतर है कि गरुड़ जैसी कविताएँ छपे और बांटी जाए या पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाए पर जड़ बुद्धि घटिया राजनीति करने वाले हिंदी के मठाधीश और प्राध्यापकगण इस पर ध्यान नही देंगे
अम्बर तुम हमेशा कमाल करते हो और निशब्द कर देते हो, बार - बार पढूंगा और समझूँगा, खूब लिखो, यश कमाओ - शुभाशीष
https://samalochan.com/garun/?fbclid=IwAR0DUOfQ89EXvtzu2fId7dvQu2NDqMQSSpy2ZcvlyMj4WSMoEDTNbigPBzI
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प्रियंका गांधी को अभी तक कोर्ट में नही पेश किया गया है, जबकि गिरफ्तारी के बाद 24 घण्टे से ज़्यादा का समय हो गया है
सोचिये देश मे गंवार, अपढ़ और कुपढ़ लोगों ने संविधान या दण्ड प्रक्रिया संहिता का कितना मखौल उड़ाया है, यह तो प्रियंका है फिर भी यह हालत है, हमारा आपका क्या होगा कभी विचार किया, या देश में हजारों को बगैर प्रक्रिया अपनाए गिरफ्तार करके रखा है, यह कानून का राज है या दृष्ट ( दुष्ट नही ) लोगों का
दण्ड प्रक्रिया संहिता कहती है - "कोई पुलिस अधिकारी वारंट के बिना गिरफ्तार किए व्यक्ति को उससे अधिक अवधि के लिए अभिरक्षा में निरूद्ध नहीं रखेगा जो उस मामले की सब परिस्थितियों में उचित है तथा ऐसे अवधि, मजिस्ट्रेट के धारा 167 के अधीन विशेष आदेश के अभाव में गिरफ्तारी के स्थान से मजिस्ट्रेट के न्यायालय तक की यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर 24 घंटे से अधिक की नहीं होगी" [ CrPC 57B ] और यहां तो ना सम्मन है, ना वारंट और ना प्रथम सूचना रपट फिर क्या और कैसे
यह संविधान के अनुच्छेद 22 (2) के भी ख़िलाफ़ है
क्या इन सरकारों ने अपने आपको खुदा समझ लिया है या ये संविधान से ऊपर हो गए है और सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई क्या कर रहें है, राष्ट्रपति और राज्यपाल तो है ही तटस्थ जो 2014 से इन लोगों के मूक समर्थक है अंधे बने हुए है और मलाई खा रहे है
बेहद शर्मनाक है
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People & Media screaming -
"Instagram, Facebook and Watsapp - out of control, down, a big mess, a big conspiracy, blah blah blah ...
My reply to the world -
This should have been a regular phenomenon at least twice a week for 12 to 24 hours
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Uff these achievements...
◆ Three Bachelor's Degree in Sc - Bio, Pedagogy & Law
◆ Three Master's Degree in English Literature, Rural Development and Social Work
◆ One PG Diploma in Creative Writing in English
◆ One Research Degree in Interdisciplinary Education - Future Studies
◆ And now took admission for fourth Master's degree - LLM
◆ Still desparate and aspirant for MA in Hindi & Marathi Literatures and another Research degree in Law - Provided I get time in Life
◆◆◆ In a way - 'am a Capitalist in Education in the Country like India where people are still illiterate
Sad but true
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और कल ना बापू पर लिखा - ना शास्त्री पर, इतनी बाढ़ आई थी कि बस, अपुन के लिखने का कोई मतलब ईज नई था, सब पोस्ट डाक्टरेट थे गांधी दर्शन और शास्त्री के हिन्दुस्तान पर, कल किसी के फोटू और गांधी बाली पोस्ट को लाईक भी नी किया ना कमेन्ट मारा खिंच के
अब डर जे लग रिया कि पाप तो नई लगेगा ना
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