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Khari Khari, Kuchh Rang Pyar ke , Visit of Manish Chavare and Yash Krishnan and other Posts from 9 to 11 Oct 2021

 सुप्रीम कोर्ट के दबाव में आख़िर आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई इसके दो अर्थ है

◆ सुप्रीम कोर्ट सरकार के किसान विरोधी बिलों का प्रत्यक्ष और स्पष्ट रूप से खुलकर विरोध कर रहा है, बस लोयाकरण के खुटके से सीधा नही बोला
◆ सरकार की यह नैतिक हार है और दस माह से चल रहे किसान आंदोलन की जीत, बस अब राज्यमंत्री या तो इस्तीफ़ा दे दें या सरकार इस नापाक मंत्री को बर्खास्त करें तो बिल एकदम गलत थे - इस बात पर मोहर लग जाये
होना यह चाहिये -
मिश्रा के इस्तीफ़े के तुरंत बाद संसद के दोनो सदनों की बैठक बुलाकर दोनो किसान विरोधी बिल सरकार वापिस ले लें, यूपी चुनाव के रास्ते 2024 मे वापिस काबिज़ होना हो तो - बाकी तो बेइज्जती इत्ती हो गई हैं कोयले की दलाली, पेट्रोल डीज़ल के भाव, गैस सिलेंडर का ग्यारह सौ तक पहुंचना, 180000 करोड़ का हवाई जहाज तानाशाह के लिए खरीदना जबकि जीडीपी अभी भी ऋणात्मक ही है और टाटा के द्वारा एयर इंडिया फिर से खरीद लेना, महंगाई से परेशान जनता, दस माह से चल रहे आंदोलन में 600 के करीब किसानों की हत्या / मौत और कश्मीर में पंडितों की हत्या, जांबाज़ सैनिकों की 2014 से अब तक आतंकवादियों द्वारा सर्वाधिक हत्याएं, अडानी के पोर्ट पर 3000 करोड़ का गाँजा, मतलब कि अब तक एकाध नाकवाला जमीरधारी कोई मरद होता तो डूबकर ही ....
पर सिडले है मानेंगे नई
🤣😜🤣
***
|| कबीर कुल के दरवाजे जो हमेशा खुले है ||


जब ये बच्चे यहां थे आई आई टी इंदौर में तो हिंदी सप्ताहों के दौरान होने वाले कार्यक्रमों में मैं जाता था - कभी जज बनकर, कभी बातचीत करने या बीच में से उधर से गुजरता तो घुस जाता था क्योंकि वहाँ घर थे, होस्टल थे, पूरा कैम्पस था मेरा - अवधेश , सौरभ, मिनी, मनीष, यश आदि युवा मित्र थे - जो यही से बीटेक, एमटेक या पीएचडी हुए
समय का फेर बदला, सब निकल गए - अवधेश जापान में और सौरभ दक्षिण कोरिया में पोस्ट डाक कर रहे है, मनीष ने बैंगलोर में जॉब किया फिर छोड़कर संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी में लगा है, यश झांसी में घर से ही बैंगलोर की कम्पनी के लिए काम कर रहा है
कल यूपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा थी सो मनीष जळगांव से आया तो यश झांसी से आ गया, इंदौर के मोह - सराफे और 56 की चाट छूटती नही जीवन से, स्थानीय दोस्त - यार और सबसे ऊपर सबका एक ही देवास में घर यानी मेरा अड्डा - जो सबके लिए हमेशा "कबीर कुल" की भांति खुला रहता है, दिनभर परीक्षा निपटाकर "दादा' के पास देवास आ गए मिलने, ये सब लोग जब इंदौर थे तो नियमित आते ही थे सप्ताहांत में - सो कल भी महफ़िल जमी देर रात तीन बजे तक गप्प होती रही - राजनीति, शिक्षा, साहित्य, फ़ैज़ की शायरी, सारे सुख़न हमारे में से कुछ चीज़ें पढ़ी गई, तकनीकी विकास, कानून, संविधान, आरक्षण, यूपीएससी का पेपर हल किया गया और बाक़ायदा पोस्ट मार्टम हुआ, खूब बातें की - कल के बच्चे कित्ते बड्डे हो गए और क्या समझ वल्लाह
मज़ा आया, आज खाना - वाना खाया और फिर से जल्दी आने का वादा कर अभी साढ़े तीन बजे लौट रहें है ये दोनों बच्चे - घर फिर सूना हो गया - पर कमरे में उनकी उपस्थिति हमेशा बनी रहेगी
अवधेश, सौरभ और तुम दोनों भी संग साथ आओ, जल्दी ही प्लान करो - अबकी बार मण्डली फिर जमाते है - टेकड़ी चलेंगे
एक गुलमोहर है जो सबको छाँव देता है और इसके आशीष से सबका सदैव भला होना है - जब तक हूँ आ जाओ फिर कल किसने देखा है
***
“Does anything in nature despair except man?
Is this a key?
Keep busy with survival. Imitate the trees. Learn to lose in order to recover, and remember that nothing stays the same for long. Sit it out. Let it all pass. Let it go.”
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May Sarton
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क्योंकि प्रधानमंत्री पद की गरिमा तो 2014 में ही खत्म हो गई थी, कभी अम्बानी कंधे पर हाथ धर देता है, कोई कलेक्टर काला चश्मा पहनकर एयरपोर्ट पर स्वागत करने जाता है , कभी अमेरिका के गली मोहल्ले के गोलू - भोलू भिया रिसीव करने जाते है, राहुल गांधी आँख मारकर संसद में मजे ले लेते है, ममता तो छोड़िए पार्टी के लोग ही गज़ब बोल देते है, सुप्रीम कोर्ट भी तल्ख टिप्पणियाँ कर चुका है और यह तो हद हो गई है
राकेश झुनझुनवाला से पूछा गया कि आपकी ‘प्रधानमंत्री से क्या बात हुई’
जवाब मिला ‘सुहागरात में पत्नी से क्या बात होती है बताता है कोई
तो अब एक शेयर मार्केट का दलाल प्रधानमंत्री की बराबरी अपनी पत्नी से कर रहा है
मजे की बात ये भी है कि यह वीडियो उनके भक्त खुद शेयर कर रहे हैं


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