◆ मोदी जी, अमित शाह जी
शूटिंग हो गई हो तो यह बताएं कि यह कुलनीच सेंगर कब तक भाजपा में रहेगा
प्रज्ञा, आकाश तो अमर है और रहेंगे, आप कुछ नही बिगाड़ पाएंगे उनका, दिल से माफ तो कभी कर ही नही पाएंगें ना
प्रज्ञा, आकाश तो अमर है और रहेंगे, आप कुछ नही बिगाड़ पाएंगे उनका, दिल से माफ तो कभी कर ही नही पाएंगें ना
◆ आनंदी बेन
आप इस कुलनीच की विधानसभा से सदस्यता कब समाप्त कर रही है , या आपको अब योगी के पाप ढकने को ही वहाँ भेजा है जैसे यहां शिवराज के ढांक रही थी
◆ रंजन गोगोई और देश के क़ानूनवेत्तागण
स्वतः संज्ञान का अर्थ तो आपको मालूम ही होगा ना, केंद्रीय विधिक प्राधिकरण कहता है कि आप संविधान के संरक्षक और अभिभावक है तो आप आँखें अब तो खोल लीजिये
◆ हाईकोर्ट इलाहाबाद
कल किसी ने कहा कि इलाहाबाद में हर तीसरा आदमी वकील है, तो क्या अर्थ है सबके सब निकम्मे है या अक्ल से पैदल या नकल करके निकले है या मर्द बचे ही नही गंगा में डूब क्यों नही जाते ये वकील आपके
◆ और अंत में मीडिया
भगवान करें आपके घरों में कुलनीच पैदा हो, नही तो घुस जाएं घरों में आपके और आपको ही ट्रक से रौंद दें, परम पिता परमेश्वर के चरणों मे यही अर्ज है
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निर्भया से लेकर उन्नाव की बेटी तक के बीच तीन माह तक की बेटियां बलात्कार की शिकार बनी और मार डाली गई
सरकारें और हमारे चुने हुए प्रतिनिधि अपनी मूँछे और कमीज सफ़ेद करने में इतने व्यस्त रहें कि सरकार मौत की खबर भी घोषित करने में डरती रही
हम भारत के लोग मरे हुए डरपोक लोग है जो देवियों को पूजते है और बेटियों को मारते है
शर्म आती है कि मैं इस समाज का हिस्सा हूँ और इस महादेश का नागरिक हूँ
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न मोमबत्तियां जलाएँ , न अफसोस मनाएँ , बस कहें बलतंत्र जिंदाबाद.....
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"रामदास"
● रघुवीर सहाय
चौड़ी सड़क गली पतली थी
दिन का समय घनी बदली थी
रामदास उस दिन उदास था
अंत समय आ गया पास था
उसे बता, यह दिया गया था, उसकी हत्या होगी
दिन का समय घनी बदली थी
रामदास उस दिन उदास था
अंत समय आ गया पास था
उसे बता, यह दिया गया था, उसकी हत्या होगी
धीरे धीरे चला अकेले
सोचा साथ किसी को ले ले
फिर रह गया, सड़क पर सब थे
सभी मौन थे, सभी निहत्थे
सभी जानते थे यह, उस दिन उसकी हत्या होगी
सोचा साथ किसी को ले ले
फिर रह गया, सड़क पर सब थे
सभी मौन थे, सभी निहत्थे
सभी जानते थे यह, उस दिन उसकी हत्या होगी
खड़ा हुआ वह बीच सड़क पर
दोनों हाथ पेट पर रख कर
सधे कदम रख कर के आए
लोग सिमट कर आँख गड़ाए
लगे देखने उसको, जिसकी तय था हत्या होगी
दोनों हाथ पेट पर रख कर
सधे कदम रख कर के आए
लोग सिमट कर आँख गड़ाए
लगे देखने उसको, जिसकी तय था हत्या होगी
निकल गली से तब हत्यारा
आया उसने नाम पुकारा
हाथ तौल कर चाकू मारा
छूटा लोहू का फव्वारा
कहा नहीं था उसने आखिर उसकी हत्या होगी
आया उसने नाम पुकारा
हाथ तौल कर चाकू मारा
छूटा लोहू का फव्वारा
कहा नहीं था उसने आखिर उसकी हत्या होगी
भीड़ ठेल कर लौट गया वह
मरा पड़ा है रामदास यह
'देखो-देखो' बार बार कह
लोग निडर उस जगह खड़े रह
लगे बुलाने उन्हें, जिन्हें संशय था हत्या होगी
मरा पड़ा है रामदास यह
'देखो-देखो' बार बार कह
लोग निडर उस जगह खड़े रह
लगे बुलाने उन्हें, जिन्हें संशय था हत्या होगी
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