मप्र में कुपोषण को लेकर मेनका गांधी ने संसद में NFHS -III के आंकड़ों के आधार पर एक वक्तव्य दिया था, उस पर अपुन ने भी लिख मारा कि माते ज़रा गंभीरता से देखो उथले कमेन्ट मत करो...........माते ने कहा था कि मप्र में सबसे ज्यादा कुपोषण है और यह पिछले बरसों में बढ़ा है. (ध्यान रहे कि माते के नैहर वाले यानी भाजपा यहाँ कई बरसों से काबीज है और बच्चे उनकी प्राथमिकता नहीं वरन शराब, व्यापम, डम्पर काण्ड, खनिज जैसी बड़ी उनकी प्राथमिकताएं है) ........
आज की नई दुनिया में 3/8/15
सोनी चैनल को मालूम है कि भारतीयों ने सत्तर साल में कुछ काम नही किया सिर्फ खा-खाकर कब्जियत बढ़ा ली है, अस्तु 15 अगस्त की शाम को स्वतंत्र भारत में नागरिकों को "पीकू"का तोहफा !!!
मुबारक, अब इंतज़ार है झंडू आयुर्वेदिक वाली दवा कम्पनी झंडू पंचारिष्ट आधी कीमत में हाजमोला की पांच शीशियों के बोनस सहित देने की घोषणा करें और श्री सदी नायक इसका विज्ञापन करें निशुल्क
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