अभी लगभग 200-300 परिवारों से जीवंत संपर्क करके आया हूँ चार जिलों के 20 गाँवों में एकदम ठोस रूप से कह रहा हूँ . और दो सौ किशोरियों से सीधे बात करके ..........भगवान् कसम सिर्फ एक घर में संडास मिला था वो भी शिवपुरी जिले के पोहरी से सटे गाँव में जिसका इस्तेमाल भी होता है. स्कूलों और बाकी सब तो छोड़ ही दो खां साब................
हुजुर आपके अधिकारी आपको गलत जानकारी दे रहे है कल ज़रा सम्हलकर बोलना वरना सूचना का अधिकार लगाउंगा और फिर जवाब तो आपके लोग देते नहीं है यह भला हमसे बेहतर कौन जानता है. ? खैर खुले में शौच से मुक्ति में अभी अपुन को दस हजार साल लगेंगे. क्यों ठीक बोल रिया हूँ ना?
कित्ते संडास बन गए भिया
मने कि पूछ रहे है, क्या है कि पिछले साल सुनकर सोचा था कि इस साल देश खुले में शौच से मुक्ति पाकर यूनेस्को का कोई पुरस्कार ले लेगा !!!
हाँ ये भी ज़रा बताना कि अम्बानी, अडानी, टाटा, अजीम प्रेम, नारायण मूर्ती से लेकर बाकी दलालों ने कित्ता रुपया खर्च करके (CSR Funds) देश के कित्ते लोगों को संडास बना कर गिफ्ट दिए या ..........
अरे छोडो ना यार क्या संदीप बाबू........फ़ालतू बात कर रिये हो, कल सोने दो, लाल किले से नेहरु से लेकर असली फेंकू ने या सबने सिवाय फेंकने के किया क्या है, आराम से सोओ देर तक कल कम से कम आराम करो बाकी देश जाए भाड़ में........बस याद करो सरदार जाफरी को जो कहता था.......
कौन आजाद हुआ , किसके माथे से स्याही छुटी
मेरे सीने में अभी दर्द है महकूमी का
मादरे हिन्द के चेहरे पे उदासी है वही.............
थोड़ा गौर से देखिये ये उदासी सर्द और गहरी हो गयी है एक डेढ़ साल में ........बहरहाल आजादी की नुक्ती मुबारक नकली तेल और घटिया बेसन वाली.
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