अम्बानी और अडानी के लिए तेल लेने के लिए क्या क्या करना पड़ रहा है, इधर सारा देश राम राम, काश्मीर, 370 धारा हटाओ, आतंकवाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद , हजार सर लेकर आओ, ललित गेट, संघ और भाजपा कर रहा है और उधर वे शेख, मुल्लों और मस्जिदों में अल्लाह खोज रहे है.
34 साल बाद किसी मुखिया को अपने आकाओं के लिए तेल - तेल करते हुए मस्जिदों में मत्था टिकाते हुए मजबूरी वश देखा, ऐसी भक्ति को प्रणाम और ऐसे वफादारों को भी दिल से सलाम, दोस्ती हो तो ऐसी. बढ़िया है लगे रहो..........बस अब नागपुर में जाकर सफाई देनी होगी एक बार आने के बाद.
वैसे मजाक के अलावा यह कदम मोदी जी की अपने आसपास के देशों में प्रतिष्ठा बढ़ाएगा, मै उनके इस कदम की सराहना करता हूँ. यह समय की मांग है और अब समय आ गया है कि जाति समुदाय के दंश से निकलकर नेता देश और भले की सोचे. मोदी जी सच में यह जाति धर्म समुदाय का चश्मा उतार फेंके और अपने तई निर्णय लें, छोड़े संघ को और कूप मंडूक रैली निकालने वाले भगवा धारियों को, फिर देखें कि कैसे हम सब लोग उन्हें दिल से समर्थन देते है और मदद करते है. अच्छे दिन सच में ऐसे ही आयेंगे यह समझना जरुरी है मीडिया, मोदी और मीडियाकरों को भी. आज देश के सामने क्रुड आयल की ज्यादा जरुरत है बनिस्बत राम मंदिर के, देश के कुपोषण और दीगर मुद्दों को संबोधित करने के लिए हमें विदेशी मुद्रा चाहिए ना कि जेब की गाँठ का रुपया मंदिर मस्जिदों में खर्च किया जाए.
एकदम सही किया जो शेख की जमीन में घुसे और अब इंतज़ार है किसी बड़े निर्णय का बॉस........तभी तो आजादी के दूसरे दिन जाने का फैसला एक इतिहास बनेगा.
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