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Posts of 16 Aug 15















मप्र पर्यटन विकास निगम मांडव में इस सीजन में कई प्रकार के उत्सव आयोजित करता है परन्तु कल जो इस कसबे की बदहाली देखी वह अकल्पनीय थी और बेहद शर्मनाक. हर जगह भीड़ और ट्राफिक का कोई इंतजाम नहीं. रूपमती महल पर जब भयानक जाम लगा तो कोई ओपी वर्मा और एक चौहान पुलिस वालों को मैंने कहा कि स्थिति गंभीर हो रही है कुछ हादसा हो सकता है तो उन्होंने स्थानीय प्रशासन को गाली देते हुए कहा कि साला पचास साठ मरेंगे नहीं लोग तब तक आना बंद नही करेंगे और सुधरेंगे नहीं - इतनी भीड़ है हम भी क्या करें , मरने दो मरते है तो. जब बगडी वाले रास्ते पर जाम हो रहा था तो मैंने पुलिस वालों से कहा कि अभी सम्हाल लो वरना दिक्कत हो जायेगी तो बोले हो जाने दो तीन चार घंटे जाम में फसेंगे तो सब आना भूल जायेंगे और फिर जाम रात तक तो खुल ही जाएगा, और उस तरफ हमारी बीट नहीं है, आप अपना काम करो......
ये हालत है प्रशासन की, जिला प्रशासन को इस बात से कोई मतलब नहीं है , जो अधिकारी वहाँ थे, वे मालवा रीट्रीट में भोपाल से आये अधिकारियों की लाल बत्ती का ख्याल रख रहे थे, दूसरा ट्राफिक जाम में मैंने भोपाल, खरगोन, इंदौर, उज्जैन की मप्र शासन वाली गाड़ियां देखी, जब पूछा तो बोले हम गलत जा रहे है तो क्या हम सरकारी अधिकारी है और देख नहीं रहे लाल - पीली बत्ती !! सवाल यह है कि छुट्टी के दिन अपनी सरकारी गाडी लेकर आये कैसे,ऊपर से हार्न / बाजार बजाकर आम लोगों की लाइन में गलत तरीके से घुसकर ट्राफिक की समस्या को और बढ़ा रहे हो, ऊपर से बदतमीजी और दादागिरी ......सरकारी अधिकारी हो तो नियम तोड़ोगे?
मांडव में जब जिला कलेक्टर को मालूम होगा कि छुट्टी के दिन इतनी भीड़ आती है तो क्या इंतजाम नहीं करना चाहिए , 20-30 पुलिस वालों के भरोसे पांच -दस लाख की भीड़ को हवाले करना क्या जायज है? और ऊपर से मप्र पर्यटन विकास निगम अपना बाजा अलग बजाता है, क्या यह निगम जिला कलेक्टर को लिखता नहीं कि आवश्यक इंतजाम करें? क्या बाध्य नहीं कर सकता ? स्थानीय एस डी एम्, एस डी ओ पी को अक्ल नहीं है या देवघर की तरह होने वाले हादसे का इंतज़ार कर रहे है या कुछ सैंकड़ों मर जाए तो इनकी स्थाई समस्या का हल हो जाएगा - ना लोग आयेंगे - ना इंतजाम करना पड़ेंगे.
कल सारा दिन जाम में घुमते रहे हम लोग और बगैर देखे और कुछ खाए पीये लौटे. सिर्फ दो जगह देख पाए बाकी समय वहाँ की भीड़ से निकलने में लग गया. भाड़ में जाये मप्र पर्यटन विकास निगम और इसके लुभावने विज्ञापन. सत्यानाश कर दिया पुरे प्रदेश का और दुनिया भर को बुलाते है कि एम पी अजब है सबसे गजब है................
सहमत है महेंद्र जी या आप सुरक्षित रहकर पूरा मजा ले पायें? Mahendra Sanghi​

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