हिन्दी के वरिष्ठ कवि श्री नरेश सक्सेना का आज लखनऊ मे सम्मान है.
नरेश जी दीर्घायु हो सृजनशील रहे, इन्ही मंगल कामनाओं के साथ......हम देवास के साथी प्रयासरत है कि उन्हें यहाँ बुलाये और ओटले पर उनकी कवितायें सुनें देखे कब मौका आता है.? .
I
मुझे एक सीढ़ी की तलाश है
सीढ़ी दीवार पर
चढ़ने के लिए नहीं
बल्कि नींव में उतरने के लिए
मैं किले को जीतना नहीं
उसे ध्वस्त कर देना चाहता हूँ ....!
II
दुनिया के नमक और लोहे में हमारा भी हिस्सा है
तो फिर दुनिया भर में बहते हुए खून और पसीने में
हमारा भी हिस्सा होना चाहिए
- नरेश सक्सेना
नरेश जी दीर्घायु हो सृजनशील रहे, इन्ही मंगल कामनाओं के साथ......हम देवास के साथी प्रयासरत है कि उन्हें यहाँ बुलाये और ओटले पर उनकी कवितायें सुनें देखे कब मौका आता है.? .
I
मुझे एक सीढ़ी की तलाश है
सीढ़ी दीवार पर
चढ़ने के लिए नहीं
बल्कि नींव में उतरने के लिए
मैं किले को जीतना नहीं
उसे ध्वस्त कर देना चाहता हूँ ....!
II
दुनिया के नमक और लोहे में हमारा भी हिस्सा है
तो फिर दुनिया भर में बहते हुए खून और पसीने में
हमारा भी हिस्सा होना चाहिए
- नरेश सक्सेना
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